Rajasthan Kota Center News: राजस्थान के कोटा में छात्रों के सुसाइड का मामला थमने का नाम नही ले रहा है। मेडिकल कॉलेज की तैयारी कर रहे राजस्थान के कोटा कोचिंग संस्थान में रहने वाले मेडिकल के दो छात्रों ने रविवार को आत्महत्या कर ली। कोटा कोचिंग संस्थान में इस साल करीब 24 बच्चों ने सुसाइड छात्रों की मौत हो गई है। घटना की गंभीरता को देखते हुए डीएम ने आदेश जारी किया है। कोटा के कोचिंग सेंटर आने वाले दो महीनों तक कोई टेस्ट नहीं लेगी। छात्रों को मानसिक सहायता और सुरक्षा प्रदान करने के लिए यह फैसला लिया गया।
छठीं मंजिल से कूदकर छात्र ने की खुदकुशी
सुसाइड सिटी बने कोटा में आत्महत्या करने वाले छात्रों की मौत का ग्राफ दिन प्रतिदिन बड़ता जा रहा है। छात्रों की मौत का सिलसिला बच्चों के माता पिता के लिए एक चिंता जनक बना है। कोटा में मेडिकल कॉलेजों में दाखिले की तैयारी कर रहे कोटा में रहने वाले दो छात्रों ने रविवार को दो छात्रों ने बिल्डिंग की छठीं मंजिल से कूद कर खुदखुशी कर ली है। रविवार को पहली मौत मेडिकल की तैयारी कर रहे महाराष्ट्र के छात्र अविष्कार संभाजे कासले (16) के रुप में हुई है। जिसने विज्ञान नगर इलाके में अपने कोचिंग सेंटर की छठीं मंजिल से छलांग लगाकर आत्महत्या कर ली। वहीं सर्कल अधिकारी (सीओ) धर्मवीर ने बताया कि- छात्र ने खुदकुशी करने से कुछ देर पहले ही अपने कोचिंग सेटर के तीसरी मंजिल पर एक टेस्ट दिया था।
इसके बाद रात सात बजे कुन्हाड़ी के लैंडमार्क एरिया में रहने वाला कोचिंग छात्र आदर्श (18) अपने कमरे में फंदे से लटका मिला। आदर्श बिहार के रोहिताश्व जिले का रहने वाला था। स्टूडेंट नीट की तैयारी के लिए चार महीने पहले ही कोटा आया था। यहां लैंडमार्क एरिया में भाई-बहन के साथ फ्लैट लेकर रह रहा था। एएसपी ने बताया कि फ्लैट में अलग-अलग तीन कमरे हैं। रविवार को टेस्ट देकर आने के बाद आदर्श अपने कमरे में चला गया था। करीब 7 बजे उसकी बहन ने उसे खाना खाने के लिए आवाज लगाई, लेकिन उसने कोई जवाब नहीं दिया।
छात्रों के पास नही मिला कोई सुसाइड नोट
खुदखुशी करने वाले दोनो छात्र कोटा में रहकर नीट की तैयारी कर रहे थे। लाखों की संख्या में छात्र अपने भविष्य का करियर बनाने के लिए कोटा में कोचिंग के लिए आते है। स्नातक मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश के लिए बेंचमार्क के रुप में किया जाता है। इस घटना के संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि खुदखुशी करने वाले दोनो छात्रों के पास से कोई सुसाइड नोट नही मिला है। छात्रों के खुदखुशी का कारण अभी तक पता नही चल पाया है। फिलहाल पुलिस सभी पहलू की जांच पड़ताल कर रही है।
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परिजन न बनाए दबाव, छात्र को चुनने दे अपने मन का करियर
आज कल छात्रों के ऊपर पढ़ाई को लेकर तनाव बना रहता है। कभी- कभी बच्चे का अपना करियर किसी दूसरी फील्ड में बनाने की रुचि रखते है। लेकिन छात्र परिजन के दबाव के चलते वह अपना फील्ड बदल देते है। माता- पिता की खुशियों के लिए वह उनके बताये अनुसार तैयारी करने के लिए घर से अलग- अलग शहरों में जाते है। छात्र जब किसी दूसरे शहर में तैयारी करने के लिए जाते है तो उनके ऊपर पढ़ाई के साथ- साथ घर का भी दबाव रहता है। इसके अलावा उनकी तैयारी की फील्ड भी बदल जाने की वजह से अक्सर वह परेशान रहने लगते है। कभी- कभी तो छात्र काफी समय तक तैयारी मे जुटे रहते है। लेकिन जब उनको सफलता नही मिलती है तो तनाव मे आकर आत्महत्या जैसा कदम उठा लेते है।
हॉस्टल के मालिक ने क्या कहा
हॉस्टल मालिकों का कहना है कि यह काफी दुखद घटनाएं है और इससे बचने के लिए ऐसे कदम उठाना बेहद महत्वपूर्ण है। बता दें कि JEE और NEET जैसी परीक्षाओं की तैयारी के लिए सालाना दो लाख से अधिक छात्र कोटा जाते है। बच्चे कोई बड़ा कदम न उठाए इसको देखते हुए हॉस्टल के सभी लॉबी और बालकनियों में बड़े जाल लगाए गए है। ये जाल 150 किलोग्राम तक वजन झेल सकते है, और यह भी सुनिश्चित करते हैं कि छात्र घायल न हो।
इस साल कोटा में हुई 23 छात्रों की मौत
मिली जानकारी के मुताबिक, रविवार को 2 छात्रों की मौत के बाद इस साल कोटा में आत्महत्या करने वाले छात्रों की संख्या 24 हो गई है। पिछले साल इसकी संख्या 15 थी। अगस्त महीने में ही कोटा के 7 छात्र-छात्राओं ने आत्महत्या की है। कोटा में लगातार बढ़ते छात्रों की आत्महत्या के मामलों को देखते हुए प्रशासन ने हॉस्टल में कई बदलाव किए हैं। कमरों में स्प्रिंग-लोडेड पंखों के बाद अब छात्रावासों की बालकनियों और लॉबी में जाल लगाए जा रहे हैं।