कानपुर नगर संवाददाता: दीपक यादव
Kanpur: कानपुर में 6 व्यक्तियों पर बलवा और पुलिस पर पथराव का मुकदमा 35 साल चला और अंत में कोर्ट ने दया दिखाते हुए सजा के तौर पर कड़ी चेतवानी दी और रिहा कर दिया। सजा तो आपने बहुत सुनी होगी लेकिन बलवा और पुलिस पर पथराव जैसे गंभीर मामले में 35 साल बाद निर्णय आए और सजा के रूप में सिर्फ एक चेतावनी मिले, तो सुनकर थोड़ा अजीब लगेगा। दरअसल, सन 1988 में कानपुर के बजरिया थाना क्षेत्र में कुछ लोग आपस में लड़ाई कर रहे थे।
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कड़ी चेतावनी देकर रिहा किया
इस मामले की भनक जब पुलिस को लगी तो पुलिस मौके पर पहुंची। इसी बीच आपस में झगड़ा कर रहे लोगों ने पुलिस के ऊपर पथराव कर दिया। इसके बाद पुलिस ने इस प्रकरण में कुल 6 लोगों पर पथराव और बलवा जैसे गंभीर मुकदमों में FIR लिख दी थी। सन 1988 से अब तक इन पर ये मुकदमा चलता रहा। आखिरकार 35 साल बाद इन लोगों ने जब अपने जुर्म को कबूल किया तो कोर्ट ने इन पर दया दिखाते हुए और कड़ी चेतावनी देकर रिहा कर दिया।
गुनाह कबूल करने पर कोर्ट ने छोड़ा
दरअसल, आरोपियों का कहना है कि इस मामले में वो नहीं थे, लेकिन पुलिस ने जबरदस्ती फर्जी मुकदमा लिख दिया था और पुलिस पहले से ही कह रही थी कि गुनाह कबूल कर लो लेकिन हम लोगों ने कहा कि जब किया नहीं है तो क्यों कबूल कर ले। जिसके चलते अब 35 साल हो गए हैं। आखिरकार अब थककर हम लोगों ने मजबूरी में गुनाह कबूल कर लिया। आपको बताते चले की मुकदमा लड़ते हुए इनमें से दो अभियुक्तों की मृत्यु भी हो चुकी है और इनमे से एक व्यक्ति उम्र लगभग 58 साल हो गई है। अभी तक शादी नहीं हुई है। इनका कहना है कि मुकदमा लिखने के बाद उनसे कोई भी शादी करने को तैयार नहीं हुआ। शादी न होने की वजह से कोई देखरेख करने वाला नहीं है। छोटे भाई की शादी हो जाने के बाद थोड़ा राहत मिली है।