बुलन्दशहर संवाददाता- Ikram Khan
गुलावठी: प्राचीन बड़ा महादेव मंदिर प्रांगण श्री रामलीला मैदान में श्री रामलीला समिति के तत्वाधान में ब्रजराज रासेश्वरी लीला संस्थान वृन्दावन द्वारा आयोजित हो रहे 70वें श्री रामलीला महोत्सव के दौरान बीती रात्रि भरत मिलाप एवं शूर्पणखां नासिका भंग की लीला का सुन्दर मंचन किया गया। मंचन के दौरान दिखाया गया कि जब भरत को पता चलता है कि उनकी मां कैकई के कारण श्रीराम, लक्ष्मण और सीता वन को चले गये हैं। तो गुरू की आज्ञा से सभी को साथ लेकर भरत श्रीराम को वापस लाने वन को चल दिये।
14 वर्ष का वनवास सामप्त करने के बाद ही अयोध्या लौटेंगे…
जहां चित्रकूट में उनका मिलाप श्रीराम से हुआ। भरत ने श्रीराम से वापस अयोध्या वापस आने की बात कही लेकिन श्रीराम ने मना कर दिया। श्रीराम ने कहा कि वे पिता की आज्ञा से वन आये है। और 14 वर्ष का वनवास सामप्त करने के बाद ही अयोध्या लौटेंगे। जिसके बाद श्रीराम की चरण पादुका लेकर भरत वापस लौटे। उसके बाद शूर्पणखां नासिका भंग की लीला का सुन्दर मंचन किया गया। इससे पूर्व नगर में श्रीराम की वनवास यात्रा निकाली गई। वनवास यात्रा कल्लूमल जी की प्रेस से आरम्भ होकर नगर के विभिन्न मार्गो से होते हुए श्रीरामलीला मैदान का समाप्त हुई।
वनवास यात्रा का शुभारम्भ समाजसेवी हरेन्द्र चपराना ने श्रीराम की आरती उतारकर किया। इस मौके पर श्री रामलीला समिति के संरक्षक रमेशचंद जैन, अध्यक्ष कुलदीप सिंहंल, महामंत्री डाॅ संचय अग्रवाल, कोषाध्यक्ष अजय वर्मा, समिति के पूर्व अध्यक्ष संजीव तेवतिया बिट्टू, अनिल सिंहल, मयंक अग्रवाल, गौरव सिंहल, राजेश अग्रवाल, हरित कुमार शर्मा एडवोकेट, मदन गोपाल मक्खन, रामकुमार कौशिक, डाॅ परिचय अग्रवाल, महेश वर्मा, पुरूषोत्तम चैधरी, दीपक कंसल बिट्टू, विशाल सिंहल, ईश्वर चंद कंसल, प्रदीप शर्मा, विपिन गोयल, राकेश गुप्ता आदि व्यवस्था बनाने में जुटे रहे।