बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले रुकने का नाम नहीं ले रहे हिंदू समुदाय पर यह हिंसा दिन पर दिन बढ़ती जा रही है शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद बांग्लादेश की नई सरकार की मंशा अब किसी से छिपी नहीं है। वह किसी भी तरह से हिंदुओं के पक्ष में दिखती नज़र नहीं आ रही है और शायद यही वज़ह है कि उपद्रवियों को हिंसा करने और हिंदुओं के साथ बर्बरता करने में कोई गुरेज नहीं है। बल्कि इस हिंसा का विरोध करने वाले लोगों को ही देशद्रोह का आरोप लगा कर जेल में डाल दिया जा रहा है।
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इसी विरोध के चलते हिंदु संत चिन्मय दास को बांग्लादेश प्रशासन ने सलाखों के पीछे पहुंचा दिया और हद तो तब हो गई जब चिन्मय दास की तबीयत बिगड़ने पर उसे दवा देने पहुंचे दो पुजारी को भी गिरफ़्तार कर लिया गया। हिंदुओं के प्रति हो रहे अत्याचार के चलते उन्हें जेल में बंद कर दिया गया था जहां उनकी तबीयत बिगड़ने लगी थी और दोनों पुजारी उन्हें दवा कर लौट रहे थे।चिन्मय दास प्रभु को राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार का विरोध
बांग्लादेश में हिंदुओं के प्रति हो रहे अत्याचार को लेकर जगह-जगह विरोध हो रहा है। इसी विरोध के चलते बंगाल और त्रिपुरा के अस्पतालों ने बांग्लादेशी मरीजों के लिए दरवाजे बंद कर दिए हैं। कोलकाता के मानिकतल्ला अस्पताल में विरोध के चलते जेएन राय अस्पतॉल ने बांगलादेशी मरीजोम के लिए अनिश्चितकाल के लिए सेवा बंद सकर दी है। बताया जा रहा है कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले और हिंदु संत चिन्मय दास की गिरफ्तारी के बाद अस्पताल की ओर से यह कदम उठाया गया है।
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क्या बागंलादेश इस्लामवादी गढ़ बन जाएगा?
पिछले कुछ समय से जिस तरह से बांग्लादेश में हिंदु मंदिरों को तोड़ा जा रहा है और वहां पर रहने वाले हिंदुओं के साथ जिस तरह से बर्बरता की जा रही है उससे यह साफ होता दिखाई दे रहा है कि जल्द ही बांग्लादेश एक इस्लामवादी गढ़ बन जाएगा। दो महीने पहले वॉयस ऑफ अमेरिका को दिए गए इंटरव्यू में मुख्य सलाहकार और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने ‘रिसेट’ का ज़िक्र करते हुए कहा था जिस तरह बांग्लादेश की सरकार हिंदुओं के साथ हिंसा पर चुप्पी साधी हुई है उससे स्पष्ट दिखाई दे रहा है उनकी मानसिकता क्या है? अगर इस पर जल्द ही कोई बड़ा कदम नहीं उठाया गया तो पूर्वी भारत के लिए के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।
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बांग्लादेश में हिंदुओं पर क्यों हो रहे अत्याचार?
बांग्लादेश में शेख हसीना के देश छोड़े जाने के बाद से ही हिंदुओं पर अत्याचार होना शुरु हो गया था। जगह-जगह वहां हिंदु मंदिरों पर निशाना साधा जाने लगा और हिंदु समाज के लोगों पर अत्याचार होना शुरु हो गया था। इस्कॉन और काली मंदिर पर हुए हमले के बाद हिंदु समुदाय के लोगों को अपनी जान बचाने के लिए जगह-जगह छुपना पड़ा।मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो रंगपुर से हिंदु कॉउसलर काजल राय की उपद्रवियों ने हत्या कर दी थी और हिंदु समुदाय को निशाना बनाना शुरु कर दिया था।