Tirupati Laddu Controversy: आंध्र प्रदेश के सुप्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर के प्रसाद में मिलाए जाने वाले घी में गाय का मांस,मछली का तेल और सुअर की चर्बी मिलने की लैब द्वारा पुष्टि होने के बाद बवाल मचा है। साधु-संतों से लेकर राजनीतिक दलों से जुड़े नेताओं की ओर से इस मामले पर खूब बयानबाजी हो रही है मामला इतना बढ़ गया है कि,25 सितंबर को देश की सर्वोच्च अदालत में इस मामले की सुनवाई होना तय हुआ है।
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तिरुपति प्रसाद पर मंदिर प्रशासन ने किया दावा
तिरुपति मंदिर के प्रसाद में जानवरों की चर्बी वाले घी के इस्तेमाल पर विवाद के बाद मंदिर प्रशासन की ओर से एक बयान जारी किया गया है जिसमें बताया गया कि,प्रसाद की पवित्रता बहाल कर दी गई है। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने दावा किया है कि,प्रसाद अब पूरी तरह से पवित्र और बिना किसी मिलावट वाला है। सोशल मीडिया पर शेयर की गई एक पोस्ट में टीटीडी ने बताया,श्रीवारी लड्डू की दिव्यता और पवित्रता अब बेदाग है।टीटीडी सभी श्रद्धालुओं की संतुष्टि के लिए लड्डू प्रसादम की पवित्रता की रक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है।
320 रुपये किलो के हिसाब से दिया था घी का ठेका
मंदिर के प्रसाद में मिलावटी घी का इस्तेमाल होने पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है इस बात का खुलासा होने के बाद जांच में सामने आया कि,प्रसाद के लड्डू बनाने के लिए एआर डेयरी को महज 320 रुपये किलो के भाव से घी सप्लाई का ठेका दिया गया था और नंदिनी घी के टेंडर को रद्द कर दिया गया था। इसके बाद जुलाई में जब घी में मिलावट पाई गई तो फिर से नंदिनी घी को 470 रुपये किलो के हिसाब से ठेका दे दिया गया था।
FSSAI करेगा मंदिर के प्रसाद की जांच
शुक्रवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने इस मामले में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू से फोन पर बात की और तिरुपति मंदिर लड्डू पर पूरी रिपोर्ट मांगी है। केंद्रीय मंत्री ने एक प्रेस कांफ्रेंस में यह भी बताया कि,भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (FSSAI) द्वारा इसकी जांच की जाएगी और उचित कार्रवाई की जाएगी।
पूर्व राष्ट्रपति ने भी जताई अपनी चिंता
देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी सुप्रसिद्ध तिरुपति मंदिर के प्रसाद में मिलावट होने पर अपनी चिंता व्यक्त की और कहा मंदिर के प्रसाद को लेकर हिंदुओं में गहरी आस्था होती है लेकिन प्रसाद में मिलावट की सूचना लोगों के मन में शंका पैदा कर रही है। पूर्व राष्ट्रपति ने वाराणसी के अपने दौरे को लेकर जानकारी देते हुए बताया…मैं काशी विश्वनाथ मंदिर के दर्शन नहीं कर पाया लेकिन मेरे कुछ सहयोगी मंदिर गए थे और वहां से आकर उन्होंने मुझे प्रसाद दिया उस समय मुझे तिरुपति मंदिर के प्रसाद की बात याद आ गई क्योंकि यह समस्या केवल एक मंदिर तक नहीं बल्कि कई मंदिरों की कहानी हो सकती है।
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