Sushant Singh Rajput Case: सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में राजनीति का रंग अब भी उतरता नहीं दिख रहा है। भले ही CBI ने इस मामले में अपनी क्लोजर रिपोर्ट पेश की हो, लेकिन यह मामला अब भी राजनीतिक बहस का मुद्दा बना हुआ है। अभिनेता की मौत से जुड़ा हर पहलू न केवल महाराष्ट्र में, बल्कि देश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसी बीच महाराष्ट्र के बीजेपी नेता और विधायक राम कदम ने एक नई मांग उठाई है, जो सुशांत सिंह राजपूत मामले को लेकर राज्य सरकार और खासकर उद्धव ठाकरे की सरकार पर गंभीर आरोप लगाती है।
ठाकरे की सरकार में सबूतों को खतरा

राम कदम ने दावा किया है कि उद्धव ठाकरे सरकार के दौरान सुशांत सिंह राजपूत से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण सबूतों को नष्ट कर दिया गया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार ने जानबूझकर इस मामले की सही दिशा में जांच नहीं होने दी और साक्ष्य को नष्ट करने का काम किया। बीजेपी नेता ने आगे कहा कि इस मामले की फिर से एक एसआईटी (विशेष जांच टीम) से जांच होनी चाहिए ताकि सच सामने आ सके। राम कदम ने इस बात की भी ओर इशारा किया कि सुशांत सिंह राजपूत के केस को अनदेखा करना और उसका सही तरीके से जांच न करना न्याय का उल्लंघन है।
सुशांत की PA की मौत पर भी उठे सवाल
यह बयान ऐसे समय में आया है जब सुशांत सिंह राजपूत की PA दिशा सालियान के मामले को भी फिर से खोला जा रहा है। दिशा की मौत को लेकर भी कई सवाल उठाए गए हैं और कई कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों मामलों में कोई कनेक्शन हो सकता है। बीजेपी नेताओं ने आरोप लगाया है कि उद्धव ठाकरे की सरकार ने इन मामलों की सही तरीके से जांच करने के बजाय उन्हें दबाने की कोशिश की। राम कदम के बयान ने इस मुद्दे को फिर से गर्मा दिया है और राज्य की राजनीति में उबाल ला दिया है।

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राजनीतिक फायदा हासिल करने की कोशिश
बिहार में विधानसभा चुनावों को लेकर बीजेपी यह मामला फिर से उठाकर राजनीतिक फायदा भी हासिल करने की कोशिश कर रही है। हालांकि, सुशांत सिंह राजपूत के मामले को लेकर राजनीति की बयार तेज होती जा रही है, लेकिन इससे न सिर्फ मुंबई पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे हैं, बल्कि राज्य सरकार के ऊपर भी आरोप लगाए जा रहे हैं।