Team India: दिग्गज भारतीय बल्लेबाज सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने पूर्व खिलाड़ी और भारतीय टीम के मुख्य कोच राहुल द्रविड़ को सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न (Bharat Ratna) देने की मांग की है. द्रविड़ का कोच के रूप में कार्यकाल टी20 विश्व कप फाइनल के बाद समाप्त हो गया था, जहां उनकी कोचिंग में भारत ने टी20 विश्व कप का खिताब जीता. द्रविड़ के कोच रहते भारतीय टीम ने कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की, जिनमें विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) और वनडे विश्व कप (World Test Championship) 2023 का उपविजेता बनना शामिल है. इसके अलावा, राहुल द्रविड़ के नेतृत्व में टीम ने एशिया कप का खिताब भी जीता.
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राहुल द्रविड़ के बहुमूल्य योगदान
आपको बता दे कि कोच के अलावा भी राहुल द्रविड़ ने भारतीय क्रिकेट के लिए कई महत्वपूर्ण योगदान दिए हैं. वह राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (National Cricket Academy) के प्रमुख रह चुके हैं और 2018 में अंडर-19 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम के कोच थे. खिलाड़ी के तौर पर द्रविड़ ने 24177 रन बनाए हैं और उनका प्रभाव मैदान के अंदर और बाहर दोनों में काफी रहा है.
सुनील गावस्कर का लेख और द्रविड़ की महानता
बताते चले कि सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने एक लेख में लिखा, “यह उचित होगा यदि भारत सरकार राहुल द्रविड़ को भारत रत्न (Bharat Ratna) से सम्मानित करे, क्योंकि वे वास्तव में यही हैं.” उन्होंने द्रविड़ की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे एक महान खिलाड़ी और कप्तान थे जिन्होंने वेस्टइंडीज में सीरीज जीती और इंग्लैंड में टेस्ट सीरीज जीतने वाले तीसरे भारतीय कप्तान बने.
एनसीए के अध्यक्ष के रूप में द्रविड़ ने युवा प्रतिभाओं को तराशा और फिर सीनियर भारतीय टीम के कोच बने. गावस्कर ने कहा, “द्रविड़ की उपलब्धि ऐसी है जिसने पूरे देश को खुशी दी है. निश्चित रूप से द्रविड़ देश के सर्वोच्च सम्मान के पात्र हैं. आइए, कृपया मेरे साथ मिलकर सरकार से देश के महान सपूत को सम्मानित करने की मांग करें. भारत रत्न राहुल शरद द्रविड़, यह सुनने में अच्छा लगेगा ना?”
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राहुल द्रविड़ के निस्वार्थ रवैये की सराहना
सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने अपने खेल के दिनों में द्रविड़ के निस्वार्थ रवैये की भी सराहना की, जो भारतीय टीम के मुख्य कोच के रूप में उनके समय में भी जारी रहा. उन्होंने लिखा, “जब द्रविड़ खेल रहे थे, उन्होंने वह सब कुछ किया जो उनसे कहा गया था. जब दिन के खेल के अंतिम क्षणों में कोई विकेट गिरता था, तो द्रविड़ खुद बल्लेबाजी के लिए क्रीज पर पहुंच जाते थे.”
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