उत्तर प्रदेश: लोकसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहे हैं, वैसे-वैसे बड़े फेरबदल देखने को मिल रहे हैं। जो अभी तक बीजेपी को पानी पी-पी कर कोसते थे आज वहीं बीजेपी की नैया में सवार होकर चुनावी वैतरणी को पार करने की जुगत में दिखाई दे रहे हैं।
इसमें सबसे पहला नाम आता है सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर का वहीं ओपी राजभर जो अभी तक विपक्षी एकता की बात करते थे लेकिन पिछले कुछ समय से वो विपक्ष से छिटकर बीजेपी की ओर ज्यादा दिखाई दे रहे थे इसकी बानगी भी समय समय पर देखी गई। राष्ट्रपति के चुनाव के समय भी राजभर का एनडीए प्रेम जागा था उसके बाद हाल ही में हुए एमएलसी के चुनाव में भी वो सूबे के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के साथ नजर आए थे वहीं इस फेरहिस्त में एक और नाम है और वो नाम है दारा सिंह का है।
पहले भी बीजेपी में रह चुके हैं दारा सिंह
दारा सिंह चौहान इससे पहले भी योगी सरकार में शामिल रहे थे योही सरकार में उन्हें कैबिनेट में जगह दी गई थी। उनके पास वन और पर्यावरण विभाग की जिम्मेदारी थी। 2022 के विधानसभा चुनाव में दारा सिंह बीजेपी से नाता तोड़ सपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, सपा में जाने के बाद भी उन्होंने जीत दर्ज की और विधायक बने।
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पूर्वांचल के कद्दावर नेताओं में शुमार है दारा सिंह
लोकसभा चुनाव से पहले सभी पार्टियों की नजर पूर्वांचल के राजनीतिक समीकरण पर है, ऐसे में सभी पार्टियां पूर्वांचल के दिग्गज नेताओं को पाले में लाने की कोशिश में है यहीं कारण है कि बीजेपी ने पूर्वांचल के दो बडे नेता को अपने पाले में करके बड़ी बढ़त हासिल कर ली है। बात करे अगर दारा सिंह की तो दारा सिंह को पूर्वाँचल का बड़ा नेता माना जाता है जिनकी अच्छी खासी पैठ अपने लोगों में देखी जाती है। बता दें कि दारा सिंह ने अपनी राजनीति की शुरूआत बसपा से की थी।