Sensex Opening Bell: सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में निराशाजनक शुरुआत देखने को मिली, जब सेंसेक्स और निफ्टी लगातार चौथे सत्र में गिरावट के साथ खुले। यह गिरावट मुख्य रूप से अमेरिकी अर्थव्यवस्था के कमजोर रोजगार आंकड़ों के बाद उठी चिंताओं के कारण हुई। वैश्विक बाजारों में कमजोरी का असर भारतीय शेयर बाजार पर भी पड़ा, जिससे बीएसई सेंसेक्स 249 अंक की गिरावट के साथ 80,938 पर और निफ्टी50 92 अंक घटकर 24,759 पर कारोबार करता दिखा।
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सेंसेक्स के प्रमुख शेयरों में मिश्रित प्रदर्शन
सेंसेक्स के प्रमुख शेयरों में आज मिश्रित प्रदर्शन देखने को मिला। टाटा स्टील, पावर ग्रिड, जेएसडब्ल्यू स्टील, एनटीपीसी और अदाणी पोर्ट्स जैसे शेयरों में नुकसान देखा गया, जबकि एचयूएल, आईटीसी, टीसीएस, इंफोसिस, एशियन पेंट्स और एचसीएल टेक ने बढ़त दर्ज की। इस प्रकार, बाजार में दोहरी दिशा का संकेत देखने को मिला है, जहां कुछ शेयर नुकसान में हैं जबकि अन्य में वृद्धि जारी है।
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सैक्टरवार प्रदर्शन में असमानता
सेंसेक्स के प्रदर्शन को सेक्टरवार देखा जाए तो एफएमसीजी, आईटी और रियल्टी के अलावा अधिकांश सेक्टरल इंडेक्स में कमजोरी आई। निफ्टी मेटल और निफ्टी ऑयल एंड गैस में क्रमशः 1.05% और 0.83% की गिरावट देखने को मिली। इन सेक्टरों में गिरावट का मुख्य कारण वैश्विक आर्थिक अनिश्चितता और वस्त्र मूल्य दबाव हो सकता है।
विशेष शेयरों में उतार-चढ़ाव
सिंगल शेयरों की बात करें तो, एसएमई स्टॉक आरबीएम इंफ्राकॉन ने 3,498 करोड़ रुपये के सेवा ऑर्डर के बाद 5% का अपर सर्किट लगाकर बाजार में सकारात्मक संकेत दिया। वहीं, घरेलू विमानन कंपनी स्पाइसजेट के शेयरों में 5% से अधिक की तेजी आई है। स्पाइसजेट ने कार्लाइल एविएशन मैनेजमेंट लिमिटेड के साथ विमान पट्टों के लिए टर्म शीट समझौता किया है, जिससे कंपनी की वित्तीय स्थिति में सुधार की उम्मीद है। निवेशक अब इस सप्ताह अमेरिकी मुद्रास्फीति के आंकड़ों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इन आंकड़ों से फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में संभावित कटौती के बारे में संकेत मिल सकते हैं। इस प्रकार, वैश्विक संकेत और अमेरिकी आर्थिक आंकड़े भारतीय शेयर बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं।
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देखने को मिल रहा मिश्रित प्रभाव
शेयर बाजार के वर्तमान परिदृश्य में, वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और स्थानीय मुनाफावसूली का मिश्रित प्रभाव देखने को मिल रहा है। अमेरिकी आंकड़ों की रिपोर्ट आने के बाद बाजार में तेजी या मंदी की दिशा स्पष्ट हो सकती है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे सतर्क रहें और मौजूदा आर्थिक संकेतों का गहराई से विश्लेषण करें ताकि वे सही निवेश निर्णय ले सकें। भारतीय शेयर बाजार में मौजूदा गिरावट वैश्विक बाजारों और घरेलू आर्थिक संकेतों का प्रतिकूल प्रभाव दर्शाती है। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे अपने निवेश पोर्टफोलियो का पुनरावलोकन करें और सतर्कता बनाए रखें। आने वाले दिनों में वैश्विक और स्थानीय आर्थिक आंकड़े बाजार की दिशा को निर्धारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।