One Nation,One Election:देश में एक बार फिर से वन नेशन वन इलेक्शन की चर्चा जोर-शोर से है केंद्रीय कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद अब संसद में वन नेशन वन इलेक्शन पर चर्चा होने की संभावना बढ़ गई है।इस बीच 5 विपक्षी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने वन नेशन वन इलेक्शन के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया है।झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से लेकर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर वन नेशन वन इलेक्शन के फैसले को लेकर जमकर हमला बोला है।
‘वन नेशन वन इलेक्शन’ का विपक्षियों ने किया विरोध
वन नेशन वन इलेक्शन के फैसले पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा उनके पास बहुमत है इसलिए वे कोई भी निर्णय ले सकते हैं ये उनका अपना एजेंडा है वे अपने एजेंडा पर काम करेंगे हम अपने एजेंडा पर काम करेंगे।पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार के इस फैसले को अंसवैधानिक और संघीय व्यवस्था विरोधी बताया है।ममता बनर्जी ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट में लिखा,एक राष्ट्र एक चुनाव विधेयक सत्ता को केंद्रीकृत और भारत के लोकतंत्र को कमजोर करने की एक कोशिश है।
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ममता बनर्जी ने बताया दिल्ली की तानाशाही सनक
ममता बनर्जी ने कहा,एक देश एक चुनाव का फैसला सावधानी पूर्वक विचार विमर्श के बाद लिया गया फैसला नहीं है इसको भारत के लोकतंत्र और संघीय ढांचे को कमजोर करने के लिए थोपा गया है।ममता बनर्जी ने विधेयक का विरोध करते हुए आगे कहा हमारे सांसद संसद में इसका पुरजोर विरोध करेंगे बंगाल दिल्ली की तानाशाही सनक के आगे कभी नहीं झुकेगा।वहीं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के स्टालिन सोशल मीडिया एक्स पर सभी विपक्षी दलों को इसका विरोध करने के लिए कहा और लिखा केंद्र सरकार का यह अव्यवहारिक और लोकतंत्र विरोधी कदम है जो क्षेत्रीय दलों और संघवाद को खत्म कर देगा।
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कर्नाटक के सीएम ने भी जताया अपना विरोध
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध करते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला और कहा,केंद्र सरकार एक देश एक चुनाव की बात करती है लेकिन दो राज्यों में एकसाथ चुनाव कराने में असमर्थ है जिससे साफ पता चलता है उनके मन में इसके पीछे कुछ और चल रहा है।
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने कहा केंद्र सरकार का यह फैसला राज्यों के अधिकारों पर अंकुश लगाने की एक बड़ी साजिश है उन्होंने कहा ऐसे समय जब मौजूदा चुनावी व्यवस्था में सुधार की जरुरत है तब ऐसे विधेयक से लोकतंत्र की नींव और कमजोर होगी।दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी वन नेशन वन इलेक्शन का विरोध किया और एक्स पर लिखा “देश को एक राष्ट्र,एक शिक्षा और एक स्वास्थ्य सेवा प्रणाली की जरुरत है ना कि एक राष्ट्र एक चुनाव की।“