Loksabha Election 2024: देश के सबसे बड़े सियासी अखाड़े में चुनावी शोर है. इस समय यूपी के राजनीतिक गलियारों में सियासत गरमाई हुई है. यहां की 80 लोकसभा सीटें पर सभी दलों की नजर बनी हुई है. सत्ताधारी पार्टी भाजपा यहां पर एक्टिव मोड में दिखाई दे रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस भी 17 सीटों पर चुनाव लड़ने के लिए तैयारियों में जुटी हुई है. कांग्रेस के महामंत्री और उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे ने पूर्व कैबिनेट मंत्री और राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य से मुलाकात की है. जिसके बाद से ही सियासी गलियारों में अटकलों का दौरा शुरु हो गया है.
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गठबंधन के ऐलान की अटकलें तेज!
आपको बता दे कि राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने इसकी जानकारी खुद एक्स पर दी है. पूर्व मंत्री स्वामी प्रसादम मौर्य ने लिखा-“भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के महामंत्री एवं उत्तर प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे मेंरे निज आवास लखनऊ आकर औपचारिक भेंटवार्ता में इंडिया गठबंधन के विस्तार पर सकारात्मक चर्चा हुई.”दोनों की मुलाकात के बाद से ही ये अटकलें लगाई जा रही है कि क्या जल्द ही गठबंधन का ऐलान हो सकता है? दोनों ने इंडिया गठबंधन के विस्तार पर चर्चा की. मुलाकात होने के बाद मौर्य ने कहा कि देश के हालात बेहद खराब हैं. इंडिया गठबंधन समय की जरूरत है. अब यह गठबंधन के नेताओं को तय करना है कि उनका इस्तेमाल कैसे करते हैं. साथ ही दोहराया कि उनका अखिलेश यादव से कोई बैर नहीं है.
यूपी में कांग्रेस और सपा का गठबंधन
आगामी चुनाव के लिए कांग्रेस सपा के गठबंधन के साथ चुनाव लड़ रही है. जिसके तहत कांग्रेस राज्य की 17 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. इसके अलावा बाकी सीटों पर कांग्रेस सपा उम्मीदवारों का समर्थन करेगी. सपा ने राज्य की कुथ सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. लेकिन कांग्रेस ने अभी अपने प्रत्यासियों की ऐलान नहीं किया है.
बताते चले कि समाजवादी पार्टी से से इस्तीफा देने के तीन दिन बाद ही पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिल्ली स्थित तालकटोरा स्टेडियम में अपनी पार्टी ‘राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी’ के गठन का ऐलान किया था. इस खास मौके पर स्वामी के समर्थक बड़ी संख्या में तालकटोरा स्टेडियम में जुटे, जिन्होंने दलितों और पिछड़ों के हित में अपनी आवाज बुलंद की. पूर्व मंत्री ने 20 फरवरी को स्वामी ने समाजवादी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता और एमएलसी पद से इस्तीफा दिया था. उनसे जब इस्तीफे की वजह पूछी गई थी तो उन्होंने कहा था कि पार्टी दलितों के साथ भेदभाव कर रही है, इसलिए उन्होंने अपना रास्ता अलग कर लिया है.
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