केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने राज्यसभा में एक सवाल के जवाब में कहा कि मासिक धर्म कोई ‘बाधा’ नहीं है और “पेड लीव” के लिए किसी विशिष्ट नीति की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए।
Smriti Irani on Menstruation: केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को कहा कि मासिक धर्म कोई ‘बाधा’ नहीं है और “पेड लीव” के लिए किसी विशिष्ट नीति की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। स्मृति ईरानी ने पिछले हफ्ते कांग्रेस सांसद शशि थरूर को जवाब देते हुए लोकसभा में कहा था कि सभी कार्यस्थलों के लिए सवैतनिक मासिक धर्म अवकाश अनिवार्य करने का कोई प्रस्ताव सरकार के विचाराधीन नहीं है। बता दे कि ये सवाल संसद में भी उठा। पहले लोकसभा में और फिर राज्यसभा में। जवाब दिया महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने।
पीरियड लीव पर राज्यसभा में मनोज कुमार झा का सवाल…
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दरअसल, 13 दिसंबर को राज्यसभा में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मनोज कुमार झा स्मृति ईरानी से पेड मेन्स्ट्रुअल लीव पर सवाल किया था। उन्होंने कहा कि पीरियड लीव देने वाला बिहार पहला राज्य था। स्मृति ईरानी से उनका सवाल था कि रोजगार देने वालों के लिए क्या प्रावधान किए गए हैं कि वो महिला कर्मचारियों को निश्चित संख्या में अनिवार्य तौर पर पेड पीरियड लीव दें।
जवाब में स्मृति ने कहा…
स्मृति ईरानी ने कहा कि एक मासिक धर्म महिलाओं के जीवन का एक स्वाभाविक हिस्सा है। हमें ऐसे मुद्दों का प्रस्ताव नहीं देना चाहिए, जहां महिलाओं को समान अवसरों से वंचित किया जाता है। पिछले हफ्ते, कांग्रेस सांसद शशि थरूर द्वारा पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए, ईरानी ने लोकसभा को बताया कि सभी कार्यस्थलों के लिए अनिवार्य मासिक धर्म अवकाश का प्रावधान करने का कोई प्रस्ताव सरकार के पास विचाराधीन नहीं है।
स्पेन में है पेड पीरियड लीव…
पीरियड के दौरान पेड छुट्टी दी जानी चाहिए या नहीं, इसको लेकर बहुत विवाद रहा है। लेकिन बता दे कि स्पेन ने अपने यहां ये प्रावधान किया है कि पीरियड के दौरान होने वाली दर्द के समय महिलाओं और लड़कियों को छुट्टी दी जाएगी। स्पेन यूरोप में ऐसा करने वाला पहला देश बना है। लेकिन भारत के संदर्भ में अभी सरकार की ऐसी कोई मंशा नहीं है।