दिल्लीः मंगलवार को उत्तर भारत में पहली बार दिल्ली का सफदरगंज अस्पताल में स्किन बैंक उद्घाटन किया गया। स्किन बैंक में डोनेट हुए त्वचा का प्रयोग आग में जलें लोगों के ऊपर किया जाता है। सफदरगंज हास्पिटल जिसमें स्किन डोनेट का काम शुरु कर दिया है। स्किन से जुड़े मामलें जैसे सीवियर बर्न इंजरी के मरीज चाहें एसिड़ बर्न वाले मरीज हो। इन सभी मरीजों की स्किन ग्राफ्टिंग करनें में मद्द मिलेगी।
क्या है स्किन डोनेशनः
बताते चलें कि स्किन डोनेट किसी व्यक्ति की मौत हो जानें पर 6 घंटो के अंदर तक स्किन डोनेट किया जा सकता है। अब तक देश में 16 स्किन बैंक है। जहां मृत व्यक्ति की त्वचा दान की जा सकती है। यह महाराष्ट्र सात, चेन्नई में चार, कर्नाटक में तीन, मध्यप्रदेश व उड़ीसा में एक – एक है।
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स्किन ट्रांसप्लांट में ब्लड़ ग्रुप मैच की नही होगी बाधाः
आपको बता दें स्किन ट्रांसप्लांट में किसी तरह ब्लड़ ग्रुप सेम मैच होने की जरुरत है। किसी भी व्यक्ति की त्वचा किसी भी व्यक्ति पर ट्रांसप्लांट की जा सकती है। कोई भी व्यक्ति मौत होने के 6 घंटो के अंदर स्किन डोनेट किया सकता है। स्किन डोनेशन करनें वालें व्यक्ति के त्वचा संक्रमण मुक्त होने पर चार से आठ डिग्री तापमान पर स्किन को 3 से 5 सालों तक फ्रीजिंग प्रोसेस जरियें स्किन को स्टोर किया जाता है।
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स्किन डोनेशन की जरुरतः
किसी दुर्घटना जल जाना, आग से जल जाना, एसिड़ जल जाना, जिससे किसी व्यक्ति की त्वचा खराब हो जाती है। तो ऐसे लोगों पर स्किन ट्रांसप्लांट का प्रयोंग किया जाता है।
त्वचा प्रत्यारोपण से पहले होगी जांचः
दान में त्वचा मिलनें के बाद उसकी जांच की जायेंगी। जैसे एच. आई. वी, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी आदि संक्रमण की जांच की जाती है। उसके बाद ही किसी खराब स्किन की सर्जरी की जा सकती है।