Sikhs For Justice Ban: केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने खालिस्तानी संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (Sikhs For Justice) पर एक बार फिर सख्त कार्रवाई करते हुए प्रतिबंध को पांच साल के लिए बढ़ा दिया है। यह कदम SFJ को गैरकानूनी संगठन घोषित करते हुए उठाया गया है। गृह मंत्रालय ने यह फैसला राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की ओर से की गई जांच में मिले नए सबूतों के आधार पर लिया है। ये सबूत SFJ और उसके संरक्षक गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ जुटाए गए हैं।
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नई अधिसूचना जारी
गृह मंत्रालय ने 10 जुलाई से प्रभावी एक अधिसूचना में कहा कि SFJ भारत की आंतरिक सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए हानिकारक गतिविधियों में शामिल रहा है। मंत्रालय ने कहा कि SFJ की गतिविधियों में देश की शांति, एकता और अखंडता को बाधित करने की क्षमता है। इसके चलते यह प्रतिबंध और पांच साल के लिए बढ़ा दिया गया है।
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NIA की जांच में मिले सबूत
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सिख्स फॉर जस्टिस और अमेरिकी नागरिक गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ आधा दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज कर रखे हैं। पिछले साल एजेंसी ने पंजाब और चंडीगढ़ में उसकी संपत्तियों को भी अपने कब्जे में ले लिया था। NIA की जांच में सामने आए नए सबूतों के आधार पर यह कार्रवाई की गई है।
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खालिस्तान समर्थक गतिविधियां
SFJ पर आतंकवादी संगठनों के साथ घनिष्ठ संपर्क में रहने और भारत संघ के क्षेत्र से एक संप्रभु खालिस्तान बनाने के लिए पंजाब और अन्य जगहों पर उग्रवाद और हिंसा का समर्थन करने का आरोप है। गृह मंत्रालय ने आरोप लगाया कि खालिस्तान समर्थक संगठन भारतीय भूभाग के एक हिस्से को भारत से अलग करने की गतिविधियों को प्रोत्साहित और सहायता कर रहा है। यह संगठन भारत और अन्य स्थानों पर इस उद्देश्य के लिए लड़ रहे अलगाववादी समूहों को समर्थन दे रहा है।
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2019 में भी लगा था प्रतिबंध
गौरतलब है कि इससे पहले 2019 में भी भारत सरकार ने सिख फॉर जस्टिस पर प्रतिबंध लगाया था। उस समय सरकार ने SFJ को गैरकानूनी संगठन करार दिया था और इसे भारत में पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया था। यह संगठन पंजाब को भारत से अलग कर एक नया देश बनाने की मांग करता है और लगातार पंजाब को भड़काने और अशांति फैलाने की साजिशें करता रहता है।
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गुरपतवंत सिंह पन्नू पर आरोप
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नू, जो इस प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का मुखिया है, अमेरिका और कनाडा की धरती पर रहकर भारत को धमकाता रहता है। केंद्र सरकार ने साफ किया है कि अगर इस संगठन को अनियंत्रित किया गया तो पन्नू के नेतृत्व वाला संगठन पंजाब को भारत संघ से अलग करने और खालिस्तान के गठन की वकालत करता रहेगा।
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देश की सुरक्षा के लिए खतरनाक
गृह मंत्रालय ने अपनी अधिसूचना में स्पष्ट किया है कि SFJ भारत की आंतरिक सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा है। मंत्रालय ने कहा कि इस संगठन की गतिविधियों से देश की शांति, एकता और अखंडता पर असर पड़ सकता है। इसी वजह से इस पर प्रतिबंध बढ़ाया गया है।
केंद्र सरकार का यह कदम खालिस्तानी समर्थक गतिविधियों को रोकने और देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है। SFJ और उसके प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है और उन्हें कानून के तहत सख्त कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है। यह प्रतिबंध देश की अखंडता और शांति को बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।