Shirdi Sai Baba Darshan:शिरडी स्थित साईं बाबा के मंदिर में आने वाले भक्तों के लिए हाल ही में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। यह बदलाव भक्तों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए किए गए हैं। शिरडी के पालकमंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल ने जानकारी दी कि अब शिरडी में गौमांस की बिक्री पूरी तरह से बंद कर दी गई है, साथ ही गुंडागर्दी और अधिक किराया वसूली जैसी समस्याओं पर भी काबू पा लिया गया है।
गोमांस की बिक्री पर पूरी पाबंदी

शिरडी के सभी बूचड़खानों को बंद कर दिया गया है, और अब जिले में कहीं भी गोहत्या नहीं की जाएगी। यह निर्णय शिरडी में धार्मिक शांति बनाए रखने और साईं बाबा के दर्शन के दौरान किसी भी प्रकार की अनावश्यक समस्या से बचने के लिए लिया गया है। राधाकृष्ण विखे पाटिल ने यह जानकारी दी कि अब शिरडी के इलाके में गौमांस की बिक्री पर पूरी तरह से पाबंदी लग गई है, जिससे भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी और धार्मिक स्थल के माहौल को शुद्ध रखा जा सकेगा।
भक्तों से लूट और अधिक किराया वसूली पर कड़ी कार्रवाई

शिरडी में पहले कुछ अनियमितताएं थीं, जिनमें होटल और गेस्ट हाउसों में अधिक किराया वसूला जाता था और भक्तों से दर्शन के नाम पर लूट की जाती थी। अब इस प्रकार की सभी अनियमितताओं पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। होटल मालिकों और अन्य व्यापारियों से कहा गया है कि वे कोई अतिरिक्त शुल्क न लें। इस कड़ी कार्रवाई के बाद, अब भक्तों को शिरडी आने पर कोई भी दिक्कत नहीं होगी, और वे अपने यात्रा अनुभव को शांति से एंजॉय कर सकेंगे।
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महाप्रसाद में बाहरी लोगों की घुसपैठ पर नियंत्रण
साईं बाबा के महाप्रसाद में बाहरी लोगों की घुसपैठ पर भी पूरी तरह से नियंत्रण लगा दिया गया है। पहले कुछ समय तक, ईंट भट्टी पर काम करने वाले और गुंडा प्रवृत्ति के लोग महाप्रसाद में घुस जाते थे, जिससे वहां का माहौल खराब हो जाता था। अब इस घुसपैठ को पूरी तरह से रोक दिया गया है। इसके लिए साईं बाबा के मंदिर में टोकन सिस्टम लागू किया गया है, जिससे केवल वे ही लोग महाप्रसाद का हिस्सा बन सकते हैं, जो सही तरीके से पंजीकृत हैं और भक्तों के रूप में वहां उपस्थित हैं।
साईं बाबा दर्शन के लिए नई व्यवस्था
साईं बाबा के दर्शन के लिए भी अब एक नई व्यवस्था लागू की गई है। दर्शन के दौरान भक्तों को टोकन दिए जाएंगे, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल भक्त ही साईं बाबा के दर्शन करें और मंदिर परिसर में अनुशासन बना रहे। यह व्यवस्था शिरडी में धार्मिक यात्रा के अनुभव को और भी व्यवस्थित और सुखद बनाने के लिए लागू की गई है। अब भक्तों को किसी भी प्रकार की लूट या अन्य परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।