Shimla Protest: हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में संजौली स्थित मस्जिद में अवैध निर्माण को लेकर आज एक बड़ा धार्मिक विवाद उत्पन्न हो गया है। हिंदूवादी संगठनों ने मस्जिद के खिलाफ प्रदर्शन किया, जिसके कारण क्षेत्र में तनावपूर्ण स्थिति उत्पन्न हो गई है। प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर बैठकर चक्का जाम कर दिया, जिससे ट्रैफिक जाम लग गया है और स्थिति बेतरतीब हो गई है।
पुलिस ने क्षेत्र में धारा 163 लागू की
शिमला प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बुधवार सुबह 7:00 बजे से रात 11:59 बजे तक धारा 163 (पहले धारा 144) लागू कर दी है, लेकिन प्रदर्शनकारी इससे बेखौफ नजर आ रहे हैं। पुलिस ने संजौली से ढली तक रास्ता बंद कर दिया है, और ढली पेट्रोल पंप के पास प्रदर्शनकारी सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि प्रदर्शनकारी भगवान राम के भजनों का गायन कर रहे हैं और चक्का जाम कर रहे हैं।
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पुलिस की कार्रवाई
प्रदर्शनकारी मस्जिद के पास पहुंच गए हैं और पुलिस की बैरिकेड्स को तोड़ दिया है। इसके जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज और वॉटर कैनन का उपयोग किया। इस हिंसक संघर्ष में कई लोग घायल हो गए हैं। ढली सब्जी मंडी के पास भी नारेबाजी शुरू हो गई है और प्रदर्शनकारी बड़ी संख्या में जमा हो गए हैं। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त बल की तैनाती की है, लेकिन स्थिति अभी भी नियंत्रण से बाहर हो गई है।
सिविल सोसाइटी और राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रियाएं
सिविल सोसाइटी के सदस्य हरिदत्त ने आरोप लगाया कि अवैध निर्माण को लेकर सरकारों ने अनदेखी की है और हिमाचल की डेमोग्राफी बदलने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि भारी संख्या में अवैध रूप से प्रवासी पहुंच रहे हैं। सोलन और बिलासपुर से भी लोग प्रदर्शन के लिए पहुंचे हैं, लेकिन पुलिस ने सभी को खदेड़ दिया है। इस बीच, कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करना चाहिए और पुलिस कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात की गई है।
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भीड़ को नियंत्रित करने में हुए विफल
प्रदर्शनकारियों ने ढली टनल को पैदल और वाहनों की आवाजाही के लिए बंद कर दिया है। पुलिस बल ने 1000 जवानों की तैनाती की है, लेकिन भीड़ को नियंत्रित करने में विफल रही है। पुलिस के सामने प्रदर्शनकारी बेकाबू हो रहे हैं और उनकी संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इस स्थिति ने शिमला में कानून और व्यवस्था बनाए रखने की चुनौती को और बढ़ा दिया है।