सिद्धार्थनगर संवाददाता- Ravi Prakash Pandey
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिलाध्यक्ष इन्द्रजीत यादव के नेतृत्व में रविवार को सांसद जगदम्बिका पाल को उनके आवास पर ज्ञापन सौंपा। सैकड़ों शिक्षामित्रों ने बीएसए कार्यालय से बाइक रैली निकाल कर सांसद को 6 सूत्रीय मांग पत्र देते हुए कहा कि डेढ़ लाख शिक्षामित्रों की समस्या निराकरण के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री एव देश के प्रधानमंत्री से वार्ता करें।
ज्ञापन लेने के बाद आवास पर शिक्षामित्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षामित्र पिछले 22 वर्षों से शिक्षण कार्य कर रहे हैं। आप सभी के समस्याओं के समाधान के लिए समय-समय पर मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री जोरदार पैरवी किया गया हैं। आगे भी देश के यशस्वी प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री से वार्ता करके स्थाई समाधान के लिए बात किया जायेगा।
आरटीई एक्ट संशोधित कानून भारत…
जिलाध्यक्ष ने कहा उत्तर प्रदेश के शिक्षामित्र गांव के गरीब शोषित वंचित पिछड़ों के बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। जिन्हें पिछले छह वर्ष से 10 हजार अल्प मानदेय दिया जा रहा है। जिससे उनके परिवार का भरण पोषण नहीं हो पा रहा है। आर्थिक तंगी और मानसिक अवसाद के चलते 6000 शिक्षामित्र मृत्यु को प्राप्त हो चुके हैं। जिला संरक्षक श्याम नारायण त्रिपाठी ने कहा 25 जुलाई 2017 को सुप्रीम कोर्ट से समायोजन निरस्त होने के बाद आरटीई एक्ट संशोधित कानून भारत का राजपत्र संसद का कानून बना था। जिसमें जिस पद पर जो था, उसको चार वर्ष की छूट देकर योग्यता पूरी करने का समय दिया गया था। सरकार ने उसको 18 वर्षों से सेवा दे रहे शिक्षामित्रों पर लागू नहीं किया रिलैक्सेशन नहीं दिया गया है।
आपको बतातें चलें कि शिक्षामित्रों के प्रमुख मांगे निम्न हैं – भारत का राजपत्र 10 अगस्त 2017 के अनुसार जो रिलैक्सेशन राजपत्र में दिया गया था। उसे 22 वर्ष से सेवारत शिक्षामित्रों पर लागू करके सहायक अध्यापक बनाया जायें। टीईटी और सीटीईटी पास कर चुके शिक्षामित्रों को उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश के आधार पर आयु सीमा और अनुभव को आधार बनाकर बिना किसी परीक्षा के सहायक अध्यापक बनाया जायें।
शेष शिक्षामित्रों को नई शिक्षा नीति के अन्तर्गत नियमावली बनाकर समायोजित करके 12 माह का नियमित वेतनमान निर्धारित किया जायें। मृतक शिक्षामित्र परिवार को आर्थिक मदद एवं परिवार के एक सदस्य को नौकरी प्रदान की जायें। जो शिक्षामित्र मूल विद्यालय जाने से वंचित रह गये थे उन्हें सुविधा अनुसार विद्यालय एवं महिला शिक्षामित्रों को उनके ससुराल के जनपद में स्थानान्तरित करने का आदेश किया जायें।