Share Market News:शेयर बाजार में सोमवार की बड़ी गिरावट के बाद मंगलवार को शानदार तेजी देखने को मिली है। इस तेजी के साथ सेंसेक्स 1600 अंक से अधिक चढ़कर कारोबार कर रहा है, जबकि निफ्टी भी 445.45 अंकों की बढ़त के साथ 22,607.05 के पार पहुंच गया है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि आखिर रातों-रात शेयर बाजार ने यू-टर्न क्यों लिया? आइए जानते हैं कि बाजार में इस तेजी के पीछे कौन-कौन सी वजहें हैं।
ग्लोबल मार्केट से मिली ताजगी
सोमवार को भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त गिरावट देखने को मिली थी, लेकिन मंगलवार को ग्लोबल मार्केट में आई तेजी ने भारतीय बाजार को भी सकारात्मक रूप से प्रभावित किया। एशियाई बाजारों में रिकवरी आई है। जापान का निक्केई 5.6% चढ़ा, हांगकांग का हैंग सेंग 1.7% और चीन का ब्लू-चिप इंडेक्स 0.6% बढ़ा। इसका असर भारतीय बाजार पर पड़ा और शेयर बाजार में उछाल आया। अमेरिकी बाजारों से भी राहत की उम्मीदें जगीं, जिससे निवेशकों का आत्मविश्वास बढ़ा और बाजार में तेजी आई।
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ब्याज दरों में कमी की उम्मीद
भारतीय रिजर्व बैंक की 9 अप्रैल को होने वाली मौद्रिक नीति बैठक से पहले बाजार में उत्साह है। निवेशकों को उम्मीद है कि आरबीआई रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है, जो आर्थिक ग्रोथ को सहारा दे सकता है। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती भी हो सकती है। अगर ऐसा होता है, तो होम लोन, कार लोन और अन्य कर्जों की ईएमआई में कमी आएगी, जिससे बाजार में डिमांड बढ़ेगी। यही कारण है कि बाजार में इस समय तेजी देखने को मिल रही है।
गिरावट के बाद निवेशकों का खरीदारी पर जोर
हालिया गिरावट के बाद निवेशक शेयर बाजार में अच्छे अवसर तलाश रहे हैं। निफ्टी अपने उच्चतम स्तर से 14.8% नीचे है, और मिड-कैप और स्मॉल-कैप इंडेक्स में क्रमशः 19% और 22% की गिरावट आई है। गिरावट के दौरान कई निवेशक अच्छे कंपनियों के शेयरों में खरीदारी कर रहे हैं, जिससे बाजार को सपोर्ट मिल रहा है और तेजी का माहौल बना हुआ है।
क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट
कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट ने भी बाजार में सकारात्मक प्रभाव डाला है। ब्रेंट क्रूड और WTI की कीमतें 65 डॉलर प्रति बैरल के नीचे गिर गई हैं, जो अगस्त 2021 के बाद सबसे निचला स्तर है। भारत अपनी तेल की जरूरत का 85% आयात करता है, और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट से महंगाई पर दबाव कम होगा। यह भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए राहत की बात है, और इसका प्रभाव शेयर बाजार पर भी दिखाई दे रहा है।
अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में गिरावट
अमेरिका की 10-वर्षीय बॉन्ड यील्ड 4.14% तक गिर गई है, और डॉलर इंडेक्स 102.92 पर ट्रेड कर रहा है। इससे विदेशी निवेशकों का भारतीय शेयर बाजार में रुझान बढ़ा है। विदेशी निवेशकों की वापसी से भी बाजार में तेजी लौटी है, और भारतीय शेयरों में निवेश बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है।