लखनऊ। 6800 शिक्षक भर्ती में नियुक्ति की मांग को लेकर सुबह मायावती कार्यालय का घेराव करने जा रहे आरक्षित अभ्यर्थियों को पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रोक दिया। इसी बीच 10 से 15 की संख्या में अभ्यर्थी बैरिकेडिंग को तोड़कर आगे निकल गए। पुलिस ने जब इन्हें रोकने की कोशिश की तो सड़क पर बैठकर नोरबाजी करने लगे। पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। इसी बीच जबरन पुलिस सभी को घसीटते हुए बस में भरने लगी। दोनों तरफ से नोंकझोंक व हाथापाई होने लगी। इसमें करीब 12 अभ्यर्थी चोटिल हो गए। काफी संख्या में महिलाएं भी शामिल रहीं। सभी को सिविल अस्पताल भेजा गया। अभ्यर्थियों को पुलिस ने बस में भरकर ईको गार्डन भेजा। 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू कराने में हुई विसंगति को दूर किये जाने के बाद भी 6800 चयनित अभ्यर्थी नियुक्ति की मांग को लेकर ईको गार्डन में करीब 540 दिनों से धरना दे रहे हैं।
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विधानसभा का घेराव हमारी मजबूरी है
विपक्ष के नेता सरकार पर हमलावर हो गए। पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, भाकपा माले समेत तमाम पार्टी के नेताओं ने इसकी निंदा की। समाजवादी पार्टी के एक्स हैंडल से भी इसका विरोध किया गया है।प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों ने बताया कि बेसिक शिक्षा परिषद के विभागीय अधिकारी इस मामले को निस्तारित नहीं करना चाहते हैं, क्योंकि उन्ही की लापरवाही का नतीजा है की 6800 आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी नियुक्ति पाने से वंचित है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश का कोई नेता मंत्री ऐसा नहीं जिससे हमने अपनी समस्या न बताई हो। हर जगह हमारी मांगों को सिर्फ अनसुना किया गया। इसलिए यह आंदोलन और विधानसभा का घेराव हमारी मजबूरी है।
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दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा
अभ्यर्थियों ने आगे बताया कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण लागू करने में घोर अनियमितता बरती गई है। जिस कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी से वंचित कर दिया गया। इस संबंध में कई बार आंदोलन के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और विसंगति दूर करते हुए पीडि़त आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने आदेश अधिकारियों को दिया था, जिसके आधार पर बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विसंगति को सुधारने के उपरांत 6800 दलित पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों को नियुक्ति देने का वादा करते हुए एक सूची जारी की। लेकिन, अभी तक न्याय नहीं मिल सका।
हमारी मांग है की सरकार इस मामले का त्वरित समाधान निकाले और सभी 6800 चयनित आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का हक अधिकार देते हुए उनकी नियुक्ति करें। प्रदर्शन के दौरान अभ्यर्थी सारिका चौरसिया, रीता शेखर,अन्नू पटेल, मालती वर्मा, अर्चना वर्मा, श्वेता, राजबहादुर, हसीन खरेला व योगेश भी चोटिल हो गए।
अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की निंदा
अभ्यर्थियों पर हुई कार्रवाई की पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, माले समेत तमाम पार्टी के नेताओं ने निंदा की। समाजवादी पार्टी के एक्स हैंडल से भी इसका विरोध किया गया है। श्री लल्लू ने अपने एक्स हैंडल पर पुलिस द्वारा महिला अभ्यर्थियों को जबरन घसीटने का वीडियो पोस्ट कर लिखा कि ये बूट-लाठी-पुलिस सब याद रहेगा। योगी सरकार कुछ भी करे, पिछड़े-दलितों को नियुक्ति देनी पड़ेगी। समाजवादी पार्टी के एक्स हैंडल से भी इसका विरोध किया गया है। युवा मंच ने शिक्षक भर्ती अभ्यर्थियों पर लाठीचार्ज की निंदा की।
भाकपा (माले) ने कहा कि 69000 शिक्षक भर्ती में आरक्षण घोटाले के शिकार अभ्यर्थियों को बिना और देरी किये न्याय मिलना चाहिए। साथ ही पार्टी ने ईको गार्डेन में चल रहे अभ्यर्थियों के आंदोलन का समर्थन किया है।