Chandigarh News : चंडीगढ़ मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई.जहां कोर्ट ने चुनाव अधिकारी द्वारा आप और कांग्रेस के उम्मीदवार की जीत को रद्द कर बीजेपी उम्मीदवार को जिताने के आरोपों पर अपना फैसला सुनाया है.सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव अधिकारी को इस मामले में नोटिस दिया है और ये भी कहा है कि,चुनाव के नतीजों पर अफसर ने झूठ बोला है।
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CJI ने बैलेट पेपर की जाँच कराने की कही थी बात
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मेयर चुनाव के सभी बैलेट पेपर और वीडियो को दिल्ली तलब किया था.सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि,वो खुद उन बैलट पेपर की जांच करेंगे जिनमें छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया है।कोर्ट ने रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह को कोर्ट में मौजूद रहने को भी कहा था.इसके अलावा मेयर चुनाव दोबारा नए सिरे से करवाने की बजाय वर्तमान मतपत्रों के आधार पर नतीजे घोषित करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि,वो निर्देश देगा कि मेयर चुनाव में डाले गए वोटों की गिनती उन निशानों को नजरअंदाज करके की जाए, जो पिछले पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह ने पेन से लगाए थे।
सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट रजिस्ट्रार जनरल से कहा कि,मंगलवार को कोर्ट में बैलट पेपर्स और वीडियो लाने के लिए एक ज्यूडिशियल अफसर की नियुक्ति कीजिए। कोर्ट ने प्रशासन को निर्देश दिए ज्यूडिशियल अफसर और रिकॉर्ड्स की सुरक्षा के लिए व्यवस्था कीजिए.इस मामले पर कोर्ट ने आज मेयर चुनाव के पूरे वीडियो और बैलेट पेपर्स की जांच की है।
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CJI ने अपने ऑर्डर में 5 बड़ी बातें कही
नियमों के मुताबिक, वोटिंग के वक्त हर मेंबर को बैलेट पेपर के दाहिनी ओर उस कैंडिडेट के सामने क्रॉस का निशान लगाना था, जिसे वो मेयर चुनना चाहते हैं।मामला 8 बैलेट पेपर्स का है, जिन्हें अवैध करार दिया गया। इन सभी 8 बैलेट पेपर में आप कैंडिडेट का नाम ऊपरी हिस्से में और भाजपा कैंडिडेट का नाम नीचे था।जांच के बाद पता चला कि,इन बैलेट पेपर्स में आप कैंडिडेट के पक्ष में वोट दिया गया था,लेकिन चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने इन पर स्याही से निशान लगाया।चुनाव अधिकारी ने जानबूझकर 8 बैलेट पेपर को खराब करने का काम किया.कोई भी बैलेट खराब नहीं था।अपनी हरकत से अनिल मसीह ने मेयर इलेक्शन के नतीजों को बदल दिया.उन्होंने कोर्ट में लगातार झूठ बोला,जिसके लिए वो जिम्मेदार हैं।