Supreme Court News: सोशल मीडिया से आज कल कोई दूर नहीं, आज के जमाने में हर कोई इससे जुड़ा हुआ है. यूजर्स के काम के लिए कई ऐसे मौजूद है, जिनकी मदद से हर कोई अपना काम करता है. अगर किसी को किताब पढ़नी होती है, तो किंडर रीडर का इस्तेमाल करता है. टिंडर ऐप का नाम तो सुना ही होगा, अगर नहीं तो बता दे कि अगर किसी को डेट करना होता है तो टिंडर ऐप का इस्तेमाल करते है.
अदालत में हुई मजेदार बहस
आज के जमाने में युवाओं के बीच ये दोनों ही ऐप काफी ज्यादा पॉपुलर हैं. यही वजह है कि सोशल मीडिया पर मौजूद सभी लोग इससे अच्छी तरह से वाकिफ है. लेकिन आपको कुछ ऐसा बताने जा रहे है, जिसे जानकर आपको भी मजा आ जाएगा. सुप्रीम कोर्ट में इन दोनों ऐप्स को लेकर कुछ ऐसा हुआ, जो अदालत में बहस हो रही थी, वो काफी मजेदार हो गई.
किंडर को डेटिंग ऐप टिंडर समझ बैठे
आपको बताते चले कि सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार (2 फरवरी) को एक मामले पर सुनवाई चल रही थी. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट जज अमेजन के किंडल रीडर ऐप को डेटिंग ऐप टिंडर समझ बैठे. जस्टिस अनिरुद्ध बोस के साथ जस्टिस पीवी संजय कुमार इस मामले पर सुनवाई कर रहे थे. किंडल का इस्तेमाल किताब पढ़ने के लिए किया जाता है. ये एक ऐप है. इतना ही नहीं, बल्कि अमेजन की तरफ से एक टैब भी बेचा जाता है, जिसमें सभी किताबें पढ़ने के लिए इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में मौजूद होती हैं.
एक जनहित याचिका दायर
अदालत में, ‘एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड’ (एओआर) स्वाति जिंदल की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है. इस याचिका में बच्चों के समग्र विकास के लिए गांव में लाइब्रेरी बनाने और देशभर के गांवों में लोगों के बीच पढ़ने को प्रोत्साहन देने की मांग की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका पर करीब एक महीने पहले सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को नोटिस जारी भी किया था. इस पर एक महीने के बाद सुनवाई हो रही थी.
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जस्टिस पीवी संजय कुमार ने क्या कहा..
सुनवाई के दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल विक्रमजीत बनर्जी ने अदालत को बताया कि ई-लाइब्रेरी स्थापित करने और किताबों के डिजिटाइजेशन की योजना चल रही है. इस पर जस्टिस पीवी संजय कुमार ने कुछ ऐसा कहा, जिसके बाद अदालत में मजेदार बहस की शुरुआत हो गई. उन्होंने कहा, ‘एडिशनल सॉलिसिटर जनरल, किताब के नए पेज को पलटने पर एक खुशी मिली है. क्या ये उन डिजिटल रीडर्स ऐप्स में होगी. आप लोग उसे क्या कहते हैं? टिंडर?’
जस्टिस कुमार ने मुस्कुराते हुए कहा…
इस पर एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट जज से कहा कि सर उस ऐप को किंडल कहा जाता है. इसके बाद जस्टिस कुमार ने मुस्कुराते हुए कहा, ‘हां, टिंडर तो डेटिंग ऐप है.’ एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को बताया कि उपभोग के पारंपरिक तरीकों को बदलना होगा, क्योंकि अब हर चीज ई-फॉर्म में उपलब्ध है, चाहे वह इकोनॉमिस्ट जैसे बिजनेस पब्लिकेशन ही क्यों न हों.
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