बिहार (सहरसा): संवाददाता – शिव कुमार
Sarhasa: चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग के बाद पूरे देश दुनिया में लोगों के बीच जश्न का माहौल बना हुआ है। भारत ने वाकई इतिहास रच दिया है भारत का एक-एक व्यक्ति खुशी से झूम उठा है। चंद्रयान 3 का चंद्रमा पर सफल लैंडिंग होने के बाद देश में लोग दीपावली और होली एक साथ मना रहे है। इसरो के वैज्ञानिक की कड़ी मेहनत के बाद ही भारत चन्द्रमा पर तिरंगा लहराने में कामयाब हो पाया है। जिस मिशन पर देश और दुनिया की निगाहें टिकी हो उस बीच अगर आपको ये खबर मिल जाए।
इसरो टीम की मेहनत लायी रंग
इसरो टीम की मेहनत से आज भारत इतिहास रचने में कामयाब हो पायी है। उस टीम का एक सदस्य आपके शहर का हो तो आप समझ सकतें है कि लोगों का खुशी किस कदर बढ़ जायेगी। बिहार राज्य के सहरसा जिले के कहरा गाँव निवासी ललन कुमार झा के पुत्र आयुष झा चंद्रयान 3 के मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों की टीम का हिस्सा है। आयुष अंतरिक्ष अनुप्रयोग केन्द्र अहमदाबाद और बेंगलुरु केन्द्र में सिस्टम डिजाइन और पेलोड डेवलपमेंट वैज्ञानिक है।
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जदयू नेता ने आयुष के पिता को दी बधाई
आयुष के पिता ललन कुमार झा प्राइमरी स्कूल में शिक्षक थे। जबकि माँ विनीता झा गृहिणी है। आयुष अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वर्ष 2016 में इसरो के स्पेस एप्लीकेशन सेंटर अहमदाबाद में साइंटिस्ट के रूप में ज्वाइन किया था। आज चंद्रयान 3 के इतिहास रचने में इसके साझेदार आयुष भी बन गए। चन्द्रमा पर चंद्रयान-3 के सफल लैंडिंग के बाद आज शाम सहरसा के पूर्व विधायक किशोर कुमार मुन्ना और जदयू युवा जिला अध्यक्ष गणेश गौरव पान सहित अन्य लोगों ने आयुष के गाँव पहुँचकर उनके पिता और माँ से मिले और इस ऐतिहासिक पल का बधाई देते हुए पाग चादर से उन्हें सम्मानित किया। आयुष के पिता ललन कुमार झा ने कहा की आयुष पढ़ने में बचपन से ही तेज था।उसे अपने देश के लिए कुछ करने का शौक शुरू से ही था।आज इस ऐतिहासिक पल को देखकर हम लोग काफी खुश है।