Jai Shankar News: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ भारत के संबंधों को लेकर स्पष्ट संकेत दिए हैं कि निर्बाध बातचीत का दौर अब समाप्त हो चुका है। एक किताब के विमोचन के दौरान, जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ वार्ता के नए दौर और आतंकवाद को लेकर भारत की स्थिति पर कड़ा रुख अपनाया। जयशंकर (S Jaishankar) ने कहा, “मुझे लगता है कि पाकिस्तान के साथ निर्बाध बातचीत का युग समाप्त हो गया है। जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है, अनुच्छेद 370 समाप्त हो चुका है। इसलिए, सवाल यह है कि हम पाकिस्तान के साथ किस तरह के रिश्ते की उम्मीद कर सकते हैं?” उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान द्वारा किए गए हर कदम का भारत उचित प्रतिक्रिया देगा, चाहे वह सकारात्मक हो या नकारात्मक।
भारत का स्पष्ट रुख
विदेश मंत्री ने यह भी स्पष्ट किया कि आतंकवाद और बातचीत साथ-साथ नहीं चल सकते। पाकिस्तान द्वारा भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एससीओ समिट के लिए न्योता देने के संदर्भ में, जयशंकर ने कहा कि पाकिस्तान स्पॉन्सर्ड आतंकवाद के चलते बातचीत का दौर समाप्त हो चुका है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत किसी भी कदम का जवाब अपने तरीके से देगा और बातचीत की संभावनाएं आतंकवाद की धमकी के बीच नहीं हो सकतीं।
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आतंकवाद के खिलाफ सख्त रवैया
जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ भारत के भविष्य संबंधों को पाकिस्तान के कार्यों पर निर्भर बताया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के हर सकारात्मक या नकारात्मक कदम का जवाब दिया जाएगा और आतंकवाद से संबंधित मुद्दों पर भारत की नीति पूरी तरह स्पष्ट है। इस बात पर जोर देते हुए कि आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते, उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी दी कि भारत चुप नहीं बैठेगा और किसी भी अस्थिरता का जवाब मजबूती से देगा।
क्षेत्रीय प्रभाव पर भारत की स्थिति
एक अन्य कार्यक्रम में, जयशंकर ने क्षेत्रीय प्रभाव और भारत की आलोचनाओं पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश अक्सर भारत को अपने राजनीतिक लाभ के लिए शामिल करना चाहते हैं, लेकिन भारत की नीति और रणनीति पूरी तरह से देश की सुरक्षा और हितों को ध्यान में रखते हुए निर्धारित की जाती है।
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पाकिस्तान की निरंतर असहमति
भारत ने 5 अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त कर दिया था, जिससे जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा मिला था। इस कदम के बाद से पाकिस्तान ने लगातार विरोध और असंतोष जताया है। बावजूद इसके, भारत की स्थिति स्पष्ट है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा। भारत-पाकिस्तान रिश्तों की जटिलता और उनके आपसी विवादों को देखते हुए, विदेश मंत्री एस जयशंकर का बयान स्पष्टता और दृढ़ता की ओर इशारा करता है। यह एक संकेत है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति में कोई भी समझौता करने को तैयार नहीं है।
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