Maharashtra Assembly Election 2024: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के प्रमुख राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly elections) के लिए दो सीटों पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है. मुंबई की शिवडी विधानसभा सीट से बाला नांदगांवकर और पंढरपुर से दिलीप धोत्रे को एमएनएस ने उम्मीदवार बनाया है. इस घोषणा ने महाविकास अघाड़ी (एमवीए) और महायुति (एनडीए) दोनों को चिंता में डाल दिया है.
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एनडीए को समर्थन और बदलती रणनीति

आपकी जानकारी के लिए बता दे कि लोकसभा चुनाव में राज ठाकरे ने एनडीए को समर्थन दिया था और महायुति की रैलियों में भी शामिल हुए थे. उस समय यह माना गया था कि एमएनएस विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ गठबंधन करेगी और सीट बंटवारे में उसे महत्व मिलेगा. हालांकि, लोकसभा चुनाव में महायुति को बड़ा झटका लगा और सीटों का नुकसान हुआ. अब राज ठाकरे ने ‘एकला चलो’ की रणनीति अपनाई है, जिससे बीजेपी और उसके गठबंधन साथी तनाव में हैं.
एमएनएस की चुनावी योजना
राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने 25 जुलाई को ऐलान किया था कि एमएनएस राज्य में 225 से 250 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं से कहा, “किसके साथ गठबंधन होगा, कितनी सीटें मिलेंगी इस भ्रम में नहीं रहें.” राज ठाकरे ने स्पष्ट किया कि उनका लक्ष्य आगामी विधानसभा चुनाव में एमएनएस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को सत्ता में लाना है, चाहे लोग उनके इस कदम पर हंसे या न हंसे.
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एमएनएस का इतिहास और प्रदर्शन

राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने 2006 में शिवसेना से बगावत कर अपनी पार्टी एमएनएस बनाई थी. हालांकि, चुनावी मैदान में उन्हें खास सफलता नहीं मिली है. अब तक उनकी पार्टी से एक भी सांसद नहीं बना है. 2009 के विधानसभा चुनाव में एमएनएस ने अपना सबसे बेहतरीन प्रदर्शन किया था, जब महाराष्ट्र में इसके 12 विधायक जीते थे. इसके बाद, 2014 और 2019 के चुनाव में पार्टी को केवल एक-एक सीट मिली। 2009 में एमएनएस को 5.71% वोट मिले थे, जबकि 2014 में यह घटकर 3.15% और 2019 में 2.25% रह गए।
राज ठाकरे की चुनौती
राज ठाकरे (Raj Thackeray) का यह कदम बीजेपी और उसके गठबंधन साथियों के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकता है. एमएनएस की रणनीति से यह स्पष्ट है कि वे अपने दम पर चुनाव लड़कर अपने कार्यकर्ताओं को सत्ता में लाने का प्रयास करेंगे. राज ठाकरे ने कहा है कि उन्हें किसी भी तरह एमएनएस को सत्ता में लाना है और वे इस लक्ष्य के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं.
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गठबंधन की संभावनाएं

हालांकि, एमएनएस और बीजेपी के बीच गठबंधन की संभावनाएं खत्म नहीं हुई हैं. राज ठाकरे की घोषणा से यह संकेत मिलता है कि वे सीट बंटवारे और गठबंधन के मुद्दों पर खुलकर चर्चा करने के लिए तैयार हैं. हालांकि, वर्तमान स्थिति को देखते हुए एमएनएस की एकला चलो नीति बीजेपी के लिए कठिनाई बढ़ा सकती है.
राज्य की राजनीति में हलचल
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे की घोषणा और उनकी चुनावी रणनीति ने राज्य की राजनीति में हलचल मचा दी है. उनके ‘एकला चलो’ की नीति ने एमवीए और महायुति दोनों को चिंता में डाल दिया है. राज ठाकरे का यह कदम महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है और आगामी चुनाव में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है. एमएनएस की रणनीति और प्रदर्शन पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी, क्योंकि यह राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है.
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