बिहार (औरंगाबाद): संवाददाता- नीरज सेन
Aurangabad: चिकित्सक के द्वारा गलत इंजेक्शन लगाने से राजद ज़िला प्रवक्ता डॉ रमेश यादव के 22 वर्षीय भतीजे मनीष कुमार की मौत हो गई है। इस घटना के बाद से चिकित्सक अपना क्लीनिक बंद कर फरार है। मामला शहर के सत्येंद्र नगर मोहल्ला के दुर्गा चौक स्थित एक निजी क्लिनिक का है। जहां इलाज के दौरान युवक की मौत हों गई। युवक शहर के वार्ड नंबर 31 गंगटी गांव निवासी राम प्रवेश यादव का पुत्र है। रविवार की शाम वह उक्त क्लीनिक में इलाज़ करवाने गया हुआ था।
जानकारी के अनुसार रविवार की दोपहर मनीष को हल्की बुखार था। जिसको लेकर वह खुद बाइक चलाकर अपनी मां के साथ क्लीनिक गया हुआ था जहां चिकित्सक द्वारा इंजेक्शन लगाने के थोड़ी देर बाद ही उसकी हालत गंभीर हो गई। इसके बाद चिकित्सक ने उसे आईसीयू में भर्ती करवाने का सुझाव दिया। वहीं इसके थोड़ी देर बाद ही उसकी मौत हो गई। तपश्चात परिजन युवक का शव लेकर सदर अस्पताल पहुंचे। जहां पुलिस ने शव पोस्टमार्टम करवा कर परिजनों को सौप दिया।
क्लीनिक चालक पर दर्ज हुआ मुकदमा
इस घटना को लेकर राजद ज़िला प्रवक्ता डॉ रमेश यादव ने उक्त क्लीनिक के डॉ. संतोष कुमार के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवाया है और अविलंब गिरफ्तारी की मांग की है। उन्होंने बताया कि चिकित्सक के क्लिनिक में मनीष खुद बाइक चला कर अपनी मां के साथ रविवार की शाम इलाज करवाने पहुंचा था। लेकिन चिकित्सक की गलत इंजेक्शन के कारण उसकी मौत हो गई। इलाज़ के दौरान जब मामला गंभीर हुआ तो चिकित्सक ने मनीष को आईसीयू में भर्ती करवाने एवं अन्य जगह इलाज करवाने का सुझाव दिया। इस संदर्भ में उन्होंने जिला प्रशासन से चिकित्सक के खिलाफ अविलंब कार्रवाई की मांग की है।
ज़िला पार्षद शंकर यादव ने बताया कि शहर में कई ऐसे क्लिनिक चल रहे हैं, जो निबंधित नहीं हैं, वहीं कई ऐसे भी चिकित्सक हैं जो बोर्ड लगाकर चिकित्सा की मानदंडों की धज्जियां उड़ा रहे है। यहां कोई विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं है, एक ही चिकित्सक द्वारा सभी प्रकार के रोगों का इलाज किया जाता है। इनकी लापरवाही से लोगों की जाने जा रही हैं, उन्होंने सदर अस्पताल के प्रबंधन पर भी लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है, कहा कि उक्त क्लिनिक में जाने से पहले मनीष सदर अस्पताल गया हुआ था जहां अस्पताल में काफी भीड़-भाड़ होने के करण वह वहां इलाज नहीं करवा पाया और वह उक्त क्लिनिक में इलाज को लेकर चला गया।
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स्वास्थ व्यवस्था उठ रहे सवाल
ज़िले का स्वास्थ्य प्रबंधन चरमरा चुकी है, उन्होंने जिला प्रशासन से सदर अस्पताल प्रबंधक एवं आरोपी चिकित्सक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा शहर में जो भी क्लीनिक हैं, वह कुकुरमुत्ता की तरह गरीबों का शोषण कर रहे हैं, उनके डिग्री व क्लीनिक की जांच हो। राजद प्रदेश महासचिव सह ज़िला पार्षद प्रतिनिधि ई. सुबोध कुमार सिंह ने बताया कि बिहार सरकार ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में काफी बेहतर कार्य किए है, लेकिन यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था बिचौलिया पर निर्भर है। जो अस्पताल में इलाज कराने आए मरीजों को इन बिचौलिया के माध्यम से चिकित्सकों तक पहुंचाएं जाते हैं। जहां इलाज में अक्सर लापरवाही होती हैं और मरीजों की जाने चली जाती हैं, ऐसे क्लिनिक संचालकों के खिलाफ अविलंब एफआईआर दर्ज करवा कर बंद करवा देना चाहिए।
चिकित्सक की लापरवाही से अब तक कई लोगों की जा चुकी हैं जान
दुर्गा मंदिर चौक निवासी अंबिका पांडे ने बताया कि यह कोई पहली घटना नही है, अब तक चिकित्सक संतोष कुमार की लापरवाही से कई लोगों की जाने जा चुकी है।
इस संदर्भ में चिकित्सक संतोष कुमार से संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन उनका क्लीनिक बंद पाया गया, वहीं इसके अलावा उनसे दूरभाष से भी संपर्क की गई लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। इस लिए उनका पक्ष नहीं लिखा जा सका है।
इस घटना की सूचना पाकर कांग्रेस पार्टी के औरंगाबाद जिला प्रभारी सह पूर्व मंत्री अवधेश कुमार सिंह , पूर्व विधायक सुरेश मेहता, राजद प्रदेश महासचिव कालेश्वर यादव, जिला पार्षद अनिल यादव, सुरेंद्र यादव, उप प्रमुख बादशाह यादव, राजद आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष उदय उज्जवल, पैक्स अध्यक्ष सह मुखिया विजेन्द्र यादव, प्रकाश यादव, राजू यादव, युवा नेता बिकास यादव, सुशील यादव सहित बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और पीड़ित परिजनों को सांत्वना दी।