Isha
उत्तर प्रदेश: कावड़ यात्रा को लेकर प्रदेश के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद और डीजीपी विजय कुमार ने समीक्षा बैठक की है. वही इस बैठक में चार प्रदेशों के पुलिस और अधिकारियों के साथ मंथन किया गया है. इस दौरान आला अधिकारियों ने कई दिशा-निर्देश भी दिए है. यात्रा में पहचान पत्र लाना अनिवार्य होगा. साथ ही यात्रा में डीजे प्रतिबंधित नहीं रहेगा. और पुलिस पूरी यात्रा पर निगरानी रखेगी. इसमें यूपी के अलावा उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के अधिकारी शामिल होंगे. वहीं, आसपास के जिलों के एसपी और डीएम भी मौजूद रहेंगे. ये दोनों अधिकारी सुबह 11 बजे परतापुर हवाई पट्टी पर उतरे. इसके बाद कार से बिजलीबंबा से होते हुए पुलिस लाइन और फिर कमिश्नर सभागार में पहुंचे. इसके बाद सर्किट हाउस पहुंचकर समीक्षा बैठक में शामिल हुए.
दिल्ली-देहरादून हाईवे का भी होगा निरीक्षण
सबसे ज्यादा भीड़ इसी हाईवे पर देखी जाती है. जिसके चलते इस हाईवे का भी मुआयना किया जाएगा. वहीं चार जुलाई से इस रूट को भी प्रतिबंधित कर दिया जाएगा. यह भी देखा जाएगा कि किस तरीके से रूट डायवर्ट होगा और इससे किसी को कोई परेशानी तो नहीं होगी. दोनों अधिकारी गंगनहर पटरी का भी निरीक्षण कर सकते हैं. यहां से भी बड़ी संख्या में शिवभक्त गुजरते हैं. इसके अलावा मेरठ से सटे जिलों की सीमाओं पर मुआयना कर सकते हैं.
बता दें कि अधिकारी मेरठ में दोपहर दो बजे तक रहेंगे. रूट डायवर्जन के लिए अभी तक जो प्लान तैयार किया जा रहा है उसके अनुसार दिल्ली-गाजियाबाद की तरफ से आने वाले भारी वाहनों को हापुड़ बाईपास से किठौर के रास्ते मुजफ्फरनगर भेजने की तैयारी है. इसी तरह हरिद्वार और देहरादून जाने वाले वाहनों को मीरापुर से गंगा बैराज और बिजनौर के रास्ते भेजा जाएगा. हालांकि यह प्लान अभी फाइनल नहीं है. स्थिति को देखते हुए इसमें बदलाव किया जा सकता है. एसएसपी हरिद्वार अजय सिंह ने भीड़ नियंत्रण और यातायात प्रबंधन को लेकर बताया कि बीते 15-20 वर्षों से कांवड़ यात्रा में यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हो रही है. वहीं अब पुलिस इसको लेकर सख्त रुख अपना रही है.