INPUT : NANDANI
Maa Santosi Vrat : भारत में सप्ताह के एक – एक दिन का अपना महत्व है। हिंदू मान्यता के अनुसार शुक्रवार का दिन सभी कष्टों को दूर करने वाली मां संतोषी, घर को धन-धान्य से भरने वाली माता लक्ष्मी और सुख और ऐश्वर्य के कारक माने जाने वाले शुक्र ग्रह की पूजा के लिए बहुत शुभ माना गया है। हिंदू मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति मां संतोषी, मां वैभव लक्ष्मी और शुक्र ग्रह की कृपा पाना चाहता है, उसे पूरे विधि-विधान से शुक्रवार का व्रत रखना चाहिए।
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मां संतोषी का व्रत
मान्यता के अनुसार मां संतोषी को भगवान श्री गणेश की पुत्री माना जाता है, जिनकी पूजा करने से साधक के जीवन में आ रही तमाम तरह की समस्याएं दूर होती हैं और उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
संतोषी माता के व्रत को 16 शुक्रवार करने का विधान है और इसमें खट्टी चीजों का बिल्कुल भी सेवन नहीं किया जाता है। माता के व्रत में गुड़ और चना विशेष रूप से चढ़ाया जाता है। इस व्रत को भी आप किसी भी मास के शुक्लपक्ष में पड़ने वाले शुक्रवार से शुरु कर सकते हैं। व्रत के पूरा होने पर उद्यापन करने पर ही इसका पुण्यफल मिलता है।
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वैभव लक्ष्मी का व्रत
हिंदू मान्यता के अनुसार माता वैभव लक्ष्मी से सुख-समृद्धि और धन-धान्य का आशीर्वाद पाने के लिए शुक्रवार का व्रत सबसे उत्तम उपाय है। इस व्रत को सुहागिनें रखती हैं और इसे किसी भी महीने के शुक्लपक्ष में पड़ने वाले शुक्रवार से प्रारंभ करके अपने संकल्प के अनुसार 11 या फिर 21 शुक्रवार तक किया जा सकता है।
इस व्रत में दिन में एक बार भोजन करने का विधान है।मां वैभव लक्ष्मी के व्रत की संख्या पूरी होने पर इसका विधि-विधान से उद्यापन किया जाताहै जिसमें शुक्रवार वाले दिन 7 सुहागनों अथवा 7 कुंवारी कन्याओं को घर बुलाकर खीर का प्रसाद खिलाया जाता है। साथ ही साथ उन्हें मां वैभव लक्ष्मी के व्रत की कथा की पुस्तक विशेष रूप से भेंट की जाती है। शुक्रवार के दिन देवी वैभव लक्ष्मी के व्रत से साधक को मनचाही धन-दौलत और मान-प्रतिष्ठा मिलती है। यह व्रत साधक की सभी मंगलकामनाओं को पूरा करते हुए आर्थिक दिक्कतों को दूर करता है।