लखनऊ संवाददाता : मोहम्मद कलीम
लखनऊ। आयुष्मान योजना के तहत इलाज का झांसा देकर जानकीपुरम के निजी अस्पताल में मरीज को भर्ती करके 40 हजार की वसूली लिए गए। तीमारदार जब दूसरे मेडिकल स्टोर से कम दाम में दवा ले आया तो मरीज का इलाज करने से मना कर दिया गया। इस तीमारदार और निजी अस्पताल कर्मचारियों में झड़प हो गई। आरोप है कि निजी अस्पताल संचालक ने मरीज को जबरन डिस्चार्ज कर दिया। तीमारदारों ने इस मामले की शिकायत आईजीआरएस पोर्टल और सीएमओ कार्यालय पर की है।
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40 हजार की वसूली
जानकीपुरम के सेक्टर तीन स्थित सबौली निवासी अशोक रावत के बेटे कौशल रावत (35) को पीलिया था। तीमारदार उसे जानकीपुरम स्थित निजी अस्पताल ले गए। तीमारदारों का कहना है कि अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि आयुष्मान योजना का कार्ड होने पर उसी के तहत मुफ्त इलाज मिलेगा। इस पर तीमारदारों ने कौशल को वहीं भर्ती करवा दिया। अशोक का आरोप है कि भर्ती किए जाने के अगले दिन डॉक्टर ने कहा कि आयुष्मान योजना के कार्ड से इलाज नहीं हो पाएगा। आरोप है कि इलाज के नाम पर दो दिन में करीब 40 हजार रुपये ले लिए गए।
मेडिकल स्टोर से दवा लेकर अस्पताल पहुंचे
डॉक्टरों ने 7300 रुपये की दवाएं लिखीं। तीमारदार को बाहर किसी दूसरे मेडिकल स्टोर से वही दवाएं 5300 रुपये में मिल गईं। तीमारदार बाहर के मेडिकल स्टोर से दवा लेकर अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर और कर्मचारी भड़क गए। अशोक से साफतौर पर कह दिया कि अस्पताल के काउंटर से ही दवा लेनी होगी। बाहर के मेडिकल स्टोर की दवा से यहां इलाज नहीं होगा।
इस बात पर कर्मचारियों और तीमारदारों में तीखी झड़प हो गई। आरोप है कि मरीज को जबरन डिस्चार्ज करके पूरा इलाज नहीं दिया गया। तीमारदारों ने इस पूरे मामले में अस्पताल पर इलाज के नाम पर धन उगाही करने, आयुष्मान कार्ड से इलाज न करने की शिकायत आईजीआरएस पोर्टल और सीएमओ कार्यालय में की है।