RBI Threat Call: देश की सबसे बड़ी वित्तीय संस्था, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI), को एक धमकी भरा कॉल मिला है जिसने हड़कंप मचा दिया है। कॉल करने वाले ने खुद को लश्कर-ए-तैयबा का “सीईओ” बताते हुए कहा, “पीछे का रास्ता बंद कर दो। इलेक्ट्रिक कार खराब हो गई है,” और फोन काट दिया। घटना के बाद RBI के सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत इस मामले को माता रमाबाई मार्ग पुलिस स्टेशन में दर्ज कराया। पुलिस ने शुरुआती जांच में इस कॉल को किसी शरारती व्यक्ति की हरकत बताया है, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए गहन जांच जारी है।
मुंबई के लॉ फर्म्स को भी मिली धमकी
इससे पहले, मुंबई के JSA लॉ फर्म और बेलार्ड एस्टेट स्थित इसके कार्यालय को बम की धमकी भरा ईमेल मिला था। ईमेल भेजने वाले ने खुद को फरजान अहमद बताया था और दावा किया कि फर्म के कार्यालय में बम रखा गया है। इस घटना के बाद पुलिस ने जांच शुरू की, लेकिन ईमेल की सत्यता पर अब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है।
धमकियों का सिलसिला जारी
पिछले कुछ महीनों में देशभर में धमकी भरे कॉल्स और ईमेल्स की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। इन घटनाओं ने सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया है। 27 अक्टूबर को मुंबई एयरपोर्ट पर एक CISF जवान को धमकी दी गई थी कि हवाई जहाज उड़ने पर कोई भी जिंदा नहीं बचेगा। जांच में यह धमकी झूठी निकली। स्कूल, होटल, बाजार, और मंदिरों को भी धमकी भरे कॉल्स और ईमेल्स मिल चुके हैं। बस और ट्रेन स्टेशनों पर बम की अफवाहें आम हो गई हैं।
सुरक्षा एजेंसियों की बढ़ी चुनौती
ऐसे मामलों में भले ही अधिकांश धमकियां झूठी निकलती हैं, लेकिन हर मामले को गंभीरता से लेना जरूरी है। हर धमकी के बाद सुरक्षा जांच और ऑपरेशन्स पर बड़ा संसाधन खर्च होता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इन घटनाओं के पीछे समाज में अस्थिरता फैलाने और सुरक्षा एजेंसियों को व्यस्त रखने की साजिश हो सकती है।
धमकी के पीछे शरारत या साजिश?
RBI को मिले धमकी भरे कॉल को लेकर फिलहाल पुलिस इसे किसी शरारती तत्व की हरकत मान रही है। लेकिन सवाल उठता है कि देश की सबसे महत्वपूर्ण वित्तीय संस्थान को इस तरह की धमकी कैसे मिली? यह घटना सुरक्षा व्यवस्था की खामियों की ओर भी इशारा करती है।
सरकार और एजेंसियां अलर्ट मोड पर
बढ़ती धमकियों के मद्देनजर केंद्रीय और राज्य सुरक्षा एजेंसियां हाई अलर्ट पर हैं। एयरपोर्ट्स, प्रमुख मंदिर, और अन्य संवेदनशील स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि यह समय अफवाहों से बचने और सतर्कता बनाए रखने का है। इन घटनाओं को देखते हुए यह जरूरी है कि आम जनता भी सतर्क रहे और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना दे। झूठी धमकियां केवल अफरातफरी फैलाने का जरिया होती हैं, लेकिन इनका असर सुरक्षा व्यवस्था पर भारी पड़ता है।