Ratan Tata: रतन टाटा (Ratan Tata) की इसी शुरुआती महीने में निधन हो गया था. उन्होंने अपनी वसीयत में कई लोगों को संपत्ति दी, जिनमें उनके ड्राइवर, बटलर और पालतू कुत्ते भी शामिल हैं लेकिन, उनकी वसीयत में उनके सौतेले भाई नोएल टाटा का जिक्र भी नहीं है जिसकी वजह से दोनों भाइयों के बीच संबंधों को लेकर चर्चा छिड़ गई है. कहा जा रहा है कि दोनों के बीच रिश्ते हमेशा से जटिल रहे थे, और इसी कारण रतन टाटा ने उन्हें अपना उत्तराधिकारी नहीं बनाया.
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उत्तराधिकारी के चयन में नोएल टाटा को किया नजरअंदाज
बताते चले कि रतन टाटा (Ratan Tata) ने अपने जीवनकाल में नोएल को उत्तराधिकारी नहीं चुना. जेआरडी टाटा ने रतन टाटा को अपना उत्तराधिकारी नियुक्त किया था, जबकि जेआरडी टाटा को उनके पूर्ववर्ती सर नौरोजी सकलतवाला ने चुना था. रतन टाटा और नोएल के रिश्तों पर हमेशा से कई बातें सामने आती रही. परप्लेक्सिटी एआई के अनुसार, दोनों के बीच पारिवारिक निकटता नहीं थी, और रतन टाटा को नोएल के अनुभवों पर संदेह भी था। इस कारण रतन टाटा ने उन्हें कभी भी टाटा समूह (Tata Group) में कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं दी। हालांकि, समय के साथ दोनों ने मिलकर काम किया और नोएल रतन टाटा के भरोसेमंद सहयोगी बन गए.
रतन टाटा के उत्तराधिकारी पर राय
आपको बता दे कि, रतन टाटा (Ratan Tata) से एक बार उत्तराधिकारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने स्पष्ट किया था कि उनके बाद टाटा ट्रस्ट इस निर्णय को करेगा. हालांकि, उन्हें खुद अपना उत्तराधिकारी चुनने का अधिकार था. कुछ साल पहले नोएल टाटा को ट्रस्टी के रूप में नियुक्त किया गया, और रतन टाटा के निधन के बाद उन्हें टाटा ट्रस्ट का चेयरमैन बनाया गया.
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साइरस मिस्त्री मामले में नोएल का समर्थन
नोएल टाटा ने साइरस मिस्त्री को टाटा समूह से हटाने के फैसले में रतन टाटा (Ratan Tata) का समर्थन किया था. साइरस मिस्त्री, नोएल के साले थे, लेकिन उनके काम करने के तरीके को लेकर नोएल ने रतन टाटा का साथ दिया. इस निर्णय से दोनों भाइयों के बीच की दूरियां कुछ हद तक कम हो गईं। रतन टाटा का अपनी मां सिमोन टाटा के साथ बेहद गहरा रिश्ता था, जबकि नोएल के साथ उनका रिश्ता हमेशा एक दूरी बनाए रखने वाला रहा.
वसीयत में परिवार और कर्मचारियों का ख्याल
रतन टाटा (Ratan Tata) ने अपनी वसीयत में लगभग 10 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति छोड़ी है, जिसमें उन्होंने अपने परिवार और कर्मचारियों का भी ख्याल रखा है. उन्होंने अपने भाई जिमी टाटा, सौतेली बहनों शिरीन और डिएना जीजीभॉय के लिए संपत्ति छोड़ी है. उनके घर के नौकरों और कर्मचारियों को भी याद किया गया है. रतन टाटा ने अपने पालतू कुत्ते टीटो का भी ध्यान रखा है और वसीयत में इनके लिए भी प्रावधान किया है. रतन टाटा का यह कदम उनकी उदारता और पारिवारिक भावनाओं को दर्शाता है, हालांकि नोएल का उल्लेख न होने से यह सवाल बना हुआ है कि क्या उनके बीच संबंध वास्तव में जटिल और दूरी भरे थे.