Rampal Kashyap: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देशभर में लाखों प्रशंसक और समर्थक हैं, लेकिन हरियाणा के दौरे पर उनके साथ एक ऐसी मुलाकात हुई, जो दिल छू लेने वाली थी। कैथल के रामपाल कश्यप ने प्रधानमंत्री मोदी से मिलने के लिए 14 साल पहले एक संकल्प लिया था, और आज वही संकल्प पूरा हुआ। रामपाल कश्यप ने 14 साल पहले प्रण लिया था कि जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे, वह जूते नहीं पहनेंगे और उनके प्रधानमंत्री बनने के बाद ही उनसे मिलेंगे। पीएम मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बने, लेकिन रामपाल कश्यप की मुराद पूरी होने के बावजूद वह संकल्प पर अड़े रहे और प्रधानमंत्री से मिलने का इंतजार करते रहे।
जब रामपाल कश्यप प्रधानमंत्री मोदी से मिले, तो प्रधानमंत्री ने उन्हें देखकर हैरान होकर पूछा, “अरे भाई, आपने ऐसा क्यों किया? क्यों अपने आप को कष्ट दे रहे हो?” रामपाल कश्यप ने अपने संकल्प के पीछे की वजह को साझा किया, और बताया कि उनका विश्वास था कि नरेंद्र मोदी ही देश का भाग्य बदल सकते हैं, इसीलिए उन्होंने यह संकल्प लिया।
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रामपाल कश्यप का संकल्प
आपको बता दे कि, रामपाल कश्यप का यह संकल्प साल 2011 में लिया गया था। उन्होंने विश्वास किया कि नरेंद्र मोदी जैसे नेता ही देश का भविष्य बदल सकते हैं और इसलिए उन्होंने यह प्रण लिया कि जब तक नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे, वह नंगे पांव चलेंगे। इस दौरान वह हर तरह के मौसम, चाहे वह ठंड हो, गर्मी हो या बारिश, नंगे पांव ही चलते रहे। यह एक अत्यधिक दृढ़ निश्चय और समर्पण का प्रतीक था, जो आज तक कायम रहा।
14 साल बाद पूरा हुआ संकल्प
बताते चले कि, 14 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद, रामपाल कश्यप को आज वह दिन मिल ही गया, जब वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल सके। जैसे ही वह प्रधानमंत्री से मिले, मोदी जी ने उनसे पूछा कि उन्होंने ऐसा क्यों किया। इस पर रामपाल ने अपना संकल्प साझा किया और बताया कि उनका विश्वास था कि नरेंद्र मोदी देश को एक नई दिशा दे सकते हैं। पीएम मोदी ने उनकी इस भावना का सम्मान करते हुए खुद रामपाल को जूते पहनाए, जो उनके 14 साल के संकल्प का प्रतीक बन गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने किया ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रामपाल कश्यप से मुलाकात के बाद इस क्षण को अपनी X पर शेयर किया। उन्होंने लिखा, “आज हरियाणा के यमुनानगर में कैथल के रामपाल कश्यप जी से मिलने का सौभाग्य मिला। इन्होंने 14 वर्ष पहले एक व्रत लिया था कि ‘मोदी जब तक प्रधानमंत्री नहीं बन जाते और मैं उनसे मिल नहीं लेता, तब तक जूते नहीं पहनूंगा।’ मुझे आज उन्हें जूते पहनाने का अवसर मिला। मैं ऐसे सभी साथियों की भावनाओं का सम्मान करता हूं, परंतु मेरा आग्रह है कि वे इस तरह के प्रण लेने के बजाय किसी सामाजिक अथवा देशहित के कार्य का प्रण लें।”
प्रधानमंत्री मोदी का संदेश
प्रधानमंत्री मोदी ने रामपाल कश्यप के संकल्प को सम्मान देते हुए यह भी कहा कि ऐसे प्रण लेने से बेहतर है कि लोग समाज और देशहित में कार्य करने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति का संकल्प और समर्पण प्रेरणादायक हो सकता है, लेकिन उसे सामाजिक सुधार और देश की प्रगति के लिए दिशा देना अधिक प्रभावी होगा।