Abhishek Singh: साल 2011 बैच के IAS अधिकारी अभिषेक सिंह का चर्चाओं से अलग ही नाता इधर कुछ समय में देखा गया है.अभिषेक सिंह पहले अपने सस्पेंशन को लेकर इसके बाद अपने ट्रांसफर ऑर्डर को लेकर तो कभी अपने इस्तीफे को लेकर सुर्खियों में आए थे लेकिन इस बीच उनके बारे में ये कहा जा रहा था कि,पूर्व आईएएस अधिकारी जल्द ही राजनीति के मैदान में उतरने वाले हैं.यूपी की जौनपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे अभिषेक सिंह को बीते दिन भाजपा की पहली लिस्ट आने के बाद बड़ा झटका लगा है इससे वो फिर एक बार चर्चा में आ गए हैं।
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अभिषेक सिंह के दोबारा सर्विस ज्वाइन करने के कयास
आपको बता दें कि,2011 बैच के IAS अधिकारी रहे अभिषेक सिंह ने अक्टूबर 2023 में नौकरी से इस्तीफा देकर जौनपुर से राजनीति में उतरने का फैसला लिया था.जिसके बाद उन्होंने जौनपुर के लोगों को अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर में रामलला के दर्शन कराने के लिए निशुल्क बस सेवा शुरू की थी.उनके द्वारा जौनपुर के लोगों के लिए शुरु की गई इस सुविधा से अधिक संख्या में लोग अयोध्या में रामलला के दर्शन करने पहुंचे थे।
अभिषेक सिंह का पिछले हफ्ते ही IAS पद से इस्तीफा मंजूर हुआ था जिसके बाद ये माना जा रहा था कि,भाजपा की ओर से जौनपुर लोकसभा सीट से उनको चुनावी मैदान में उतारा जा सकता है लेकिन उनकी इन उम्मीदों पर अब पानी फिर गया है।भाजपा ने जौनपुर लोकसभा सीट से पूर्व कांग्रेस नेता कृपा शंकर सिंह को उम्मीदवार बनाया है सके बाद ही अब आईएएस अधिकारी रहे अभिषेक सिंह के दोबारा नौकरी में वापस आने के कयास लगाने शुरु हो गए हैं।
क्या है इस्तीफे का प्रावधान?
केंद्रीय कर्मचारियों की 2 तरह की कैटेगरी होती है,जिसमें एक ऑल इंडिया सर्विस है.इस कैटेगरी में IAS, PCS, IFS अधिकारी आते हैं और वहीं दूसरी कैटेगरी नॉन ऑल इंडिया सर्विस है.इस कैटेगरी में ज्यादातर सबऑर्डिनेट सर्विसेज वाले कर्मचारी ही आते हैं.इन दोनों ही कैटेगरी के केंद्रीय कर्मचारियों की नौकरी, ट्रांसफर, प्रमोशन, इस्तीफा, पेंशन, वीआरएस या रिटायरमेंट बेनिफिट जैसी चीजें सेंट्रल सिविल सर्विसेज रूल्स से संचालित होती हैं।
यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि,IAS, IPS और IFS जैसे ऑल इंडिया सर्विस के अधिकारियों के केस में ऑल इंडिया सर्विसेज (डेथ कम रिटायरमेंट बेनीफिट रूल्स) 1958 लागू होता है.ऑल इंडिया सर्विसेज के रूल 5(1)और 5(1) (A) में इस्तीफे का प्रावधान है.जिसमें कहा गया है कि,अगर कोई अधिकारी इस्तीफा देना चाहता है तो उसका रिजाइन स्पष्ट और बिना शर्त वाला होना चाहिए.कोई अफसर फौरन या किसी निश्चित तिथि से इस्तीफे का आवेदन दे सकता है.आवेदन में इस्तीफे का कारण स्पष्ट लिखा होना चाहिए।
कितने दिनो में वापस ले सकते हैं इस्तीफा?
IAS, IPS जैसे ऑल इंडिया सर्विसेज के अफसर,इस्तीफा देने वाले अधिकारी,मंजूरी से पहले रेजिग्नेशन विदड्रा करने के लिए लिखित आवेदन देकर 90 दिनों के अंदर अपना इस्तीफा वापस ले सकते हैं.जिसको ऐसा माना जाता है कि,अधिकारी ने इस्तीफा स्वतः वापस ले लिया है।
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