Ram Mandir: अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के निर्माण के बाद अब भगवान राम का आशीर्वाद ऑस्ट्रेलिया पहुंचेगा। ऑस्ट्रेलिया के पर्थ में 150 एकड़ भूमि पर दुनिया का सबसे ऊंचा राम मंदिर बनाया जाएगा। इस मंदिर की ऊंचाई 721 फीट होगी और यह पांच मंजिल का होगा। इसका भूमि पूजन 2025 में होने की संभावना है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की उम्मीद है।
गुजरात के आर्किटेक्ट करेंगे मंदिर का डिजाइन
ऑस्ट्रेलिया में बनने वाले इस भव्य राम मंदिर का डिजाइन भी वही व्यक्ति तैयार कर रहे हैं, जिन्होंने अयोध्या के राम मंदिर का वास्तुशिल्प तैयार किया है। गुजरात के प्रख्यात आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा इस परियोजना का नेतृत्व करेंगे। श्रीराम टेंपल फाउंडेशन द्वारा इस मंदिर का निर्माण कार्य कराया जाएगा। मंदिर परिसर में 101 फीट ऊंची हनुमान जी की मूर्ति और 51 फीट ऊंची भगवान शिव की मूर्ति स्थापित की जाएगी। इसके अलावा, सप्तसागर के साथ-साथ अयोध्यापुरी और एक सनातन विश्वविद्यालय भी बनाया जाएगा। इस परियोजना को भव्यता और सनातन संस्कृति के प्रचार का प्रतीक माना जा रहा है।
राम भक्तों को मिलेगा ऑस्ट्रेलिया में रामलला के दर्शन का अद्भुत अवसर
2023 में अयोध्या में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अब ऑस्ट्रेलिया में इस भव्य मंदिर के निर्माण से वहां के श्रद्धालु और सनातन धर्मावलंबी अपने देश में भगवान राम के दर्शन कर सकेंगे। श्रीराम टेंपल फाउंडेशन के सचिव अमोद प्रकाश कटियार ने बताया कि यह मंदिर विश्व का सबसे ऊंचा होगा और रामभक्तों के लिए एक नई आस्था का केंद्र बनेगा।
पीएम मोदी कर सकते हैं भूमि पूजन
ऑस्ट्रेलिया और उसके आसपास के देशों में रहने वाले सनातन धर्मावलंबियों को अब भगवान राम के दर्शन के लिए अयोध्या आने की आवश्यकता नहीं होगी। पर्थ में बनने वाला यह मंदिर उन्हें अपने देश में ही प्रभु राम की भक्ति का अद्वितीय अनुभव प्रदान करेगा। मंदिर का भूमि पूजन 2025 में होने की संभावना है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, अगर किसी कारणवश पीएम मोदी ऑस्ट्रेलिया नहीं जा पाते, तो किसी अन्य बड़े नेता से भूमि पूजन कराया जाएगा।
ऑस्ट्रेलिया में बनने वाला यह भव्य राम मंदिर न केवल भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म का प्रचार करेगा, बल्कि यह भारत की विश्वव्यापी लोकप्रियता और प्रभाव को भी दर्शाएगा। यह परियोजना भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूत करेगी। भगवान राम के इस भव्य मंदिर का निर्माण सनातन धर्म की जड़ों को दुनिया भर में मजबूत करने का प्रयास है। यह परियोजना भगवान राम के संदेश को विश्व स्तर पर फैलाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगी।