Muzaffarnagar: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद में शनिवार की देर रात्रि एक पुलिस कांस्टेबल द्वारा शिक्षक की गोली मारकर हत्या करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जिसके चलते आज नगर के सर्कुलर रोड पर सैकड़ो शिक्षकों ने रोड जाम कर सड़क पर ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। गुस्साए शिक्षकों ने मृतक शिक्षक धर्मेंद्र कुमार के परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और मुआवजे की मांग की है। शिक्षकों द्वारा रोड जाम की सूचना पर आलाधिकारियों ने पुलिस फोर्स के साथ मौके पर पहुंच कर शिक्षकों को लाख मनाने की कोशिश की लेकिन शिक्षक अपनी मांग पर अड़े रहे इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत भी शिक्षकों को अपना समर्थन करते हुए उनके साथ धरने पर बैठ गए।
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क्या था मामला?
आपको बता दे की 14 मार्च को वाराणसी से एक टीम यूपी बोर्ड हाई स्कूल परीक्षा की कॉपी लेकर अन्य जनपदों में स्थित कॉलेज में जमा करने के लिए निकली थी। जिसमें अध्यापक धर्मेंद्र कुमार संतोष कुमार और पुलिस गार्ड में उप निरीक्षक नागेंद्र चौहान मुख्य आरक्षी चंद्र प्रकाश के साथ दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी जितेंद्र मौर्य ,कृष्ण प्रताप भी शामिल थे यह टीम प्रयागराज, शाहजहांपुर, पीलीभीत ,मुरादाबाद और बिजनौर में कॉपियां उतार कर रविवार देर रात्रि मुजफ्फरनगर जनपद के सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित एसडी इंटर कॉलेज पर पहुंची थी लेकिन कॉलेज के गेट बंद होने के चलते या टीम रात के समय ट्रक में ही आराम कर रही थी।
उपचार के दौरान डॉक्टरों ने शिक्षक को मृत घोषित किया
जानकारी के मुताबिक इस दौरान टीम में शामिल पुलिस कांस्टेबल चंद्रप्रकाश द्वारा अध्यापक धर्मेंद्र कुमार से तंबाकू की मांग की गई. जिस पर तंबाकू न देने के चलते शराब के नशे में चूर कांस्टेबल चंद्रप्रकाश ने अपनी कार्बाइन से अध्यापक धर्मेंद्र कुमार पर फायरिंग कर दी थी। जिसमें अध्यापक धर्मेंद्र कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए थे जिन्हें मौके पर पहुंची स्थानीय पुलिस के द्वारा उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां उपचार के दौरान डॉक्टरो ने शिक्षक को मृत घोषित कर दिया था।
इंटर कॉलेज के प्रवक्ता योगेंद्र मलिक ने क्या बताया?
शिक्षक की हत्या पर प्रदर्शन के मामले में जहां छोटू राम इंटर कॉलेज के प्रवक्ता योगेंद्र मलिक ने बताया कि हमारे शिक्षक साथी यहां पर ट्रक में कॉपी लेकर बनारस से आए थे. उनकी सुरक्षा के लिए पुलिस बल भेजा गया था और उस पुलिस बल में से ही एक सिपाही ने बहुत ज्यादा शराब पी हुई थी. उनसे तंबाकू आदि मंगाने की मांग करने लगा तो उन्होंने मना कर दिया. सिपाही ने यह नहीं कि उस शिक्षक की एक गोली मारकर हत्या कर दी हो बल्कि उन्हें गोलियों से छलनी कर दिया.
आज हमारे साथी क्योंकि वो हमारे परिवार का सदस्य था तो सभी उसके परिवार के सदस्य एवं उनका जो अपना परिवार है. उसके दुख में इकट्ठा हुए है और उनके लिए हम मांग कर रहे हैं कि उनके परिवार में एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए साथ ही मुआवजा दिया जाए. जिससे उनके परिवार का आगे का जीवन स्मूथ ली चल सके, इस अपराध की जो नियम में है उसमें उम्रकैद या फांसी की सजा जो भी है. वही जो हमारे संविधान में है. वह उसको सजा मिलनी चाहिए वही हमारी मांग सिर्फ यही है कि उसे सजा मिले और उसके परिवार के सदस्यों को मुआवजा व किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए।
इस मामले पर क्या बोले राकेश टिकैत?
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जो भा हुआ वो गलत हुआ,लेकिन शिक्षकों की कमेटी अपना निर्णय लेने के लिए सक्षम है. किसान व पूरा मुज़फ्फरनगर इनके साथ में है तो सरकार गलतफहमी में ना रहे. यहां के पुलिस प्रशासन को अगर ऐसा लग रहा है कि इन लोगों को कुछ कर देंगे तो वो ऐसा ना सोचे क्योंकि जब तक आपका फैसला नहीं आएगा,तब तक आदमी लोग भी बैठे रहेंगे. हम यही रहेंगे और यह ज्यादा दिक्कत करेंगे तो हम और किसानों को बुला लेंगे.
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