Vinesh Phogat-Bajrang Punia News: भारतीय रेलवे ने सोमवार को प्रसिद्ध पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के इस्तीफे को मंजूरी दे दी। यह इस्तीफा शुक्रवार को कांग्रेस पार्टी में शामिल होने से पहले दिया गया था। विनेश और बजरंग दोनों ही भारतीय रेलवे में ओएसडी स्पोर्ट्स के पद पर कार्यरत थे। इस्तीफा स्वीकार किए जाने के बाद, विनेश फोगाट को हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए टिकट मिल गया है, जबकि बजरंग पूनिया को कांग्रेस के किसान विंग में शामिल किया गया है।
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विनेश के चुनावी अभ्यस्त होने की राह आसान
रेलवे द्वारा इस्तीफा मंजूर किए जाने से विनेश फोगाट को एक बड़ी राहत मिली है। चुनाव कानून के अनुसार, यदि कोई सरकारी कर्मचारी चुनाव लड़ना चाहता है, तो उसे पहले इस्तीफा देकर विभाग से एनओसी (no objection certificate) प्राप्त करनी होती है। नामांकन के समय एनओसी दस्तावेज के साथ लगाना अनिवार्य है। अगर यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती तो उम्मीदवार के लिए चुनावी रास्ता मुश्किल हो सकता है। रेलवे ने विनेश के इस्तीफे को स्वीकार कर उनके चुनाव लड़ने के रास्ते को पूरी तरह से साफ कर दिया है।
चुनाव में नजर आएगा असर
उत्तर रेलवे ने फोगाट और पूनिया के इस्तीफे के मामलों में तीन महीने की नोटिस अवधि के प्रावधान में ढील दी है। इससे पहले अटकलें थीं कि नोटिस अवधि की वजह से विनेश फोगाट शायद चुनाव में नहीं उतर सकें। अब, रेलवे द्वारा इनकी सेवाओं को स्वीकार कर लेने से फोगाट हरियाणा विधानसभा चुनाव में हिस्सा ले सकेंगी। हरियाणा में 5 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं और नामांकन की आखिरी तारीख 12 सितंबर है।
जुलाना सीट पर बड़ा दांव
कांग्रेस पार्टी ने विनेश फोगाट को जुलाना निर्वाचन क्षेत्र से हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार बनाया है। जुलाना सीट पर कांग्रेस की स्थिति काफी समय से कमजोर रही है। आखिरी बार 2005 में कांग्रेस ने यहां जीत हासिल की थी। पार्टी की गिरती साख को सुधारने के लिए विनेश फोगाट पर बड़ा दांव खेला गया है। विनेश का मुकाबला मौजूदा जननायक जनता पार्टी (JJP) विधायक अमरजीत ढांडा से होगा।
पार्टी का पलड़ा हुआ भारी
2019 के विधानसभा चुनाव में, अमरजीत ढांडा ने बीजेपी के परमिंदर सिंह ढुल को हराया था। ढांडा को 61,942 वोट मिले थे, जबकि ढुल को 37,749 वोट मिले थे। कांग्रेस की स्थिति को देखते हुए, विनेश फोगाट के चुनावी मैदान में उतरने से पार्टी को इस सीट पर जीत की उम्मीदें जागी हैं। विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया का रेलवे से इस्तीफा से उनकी चुनावी राह अब पूरी तरह से साफ हो गई है, और कांग्रेस ने इस चुनावी दांव से अपनी स्थिति को मजबूत करने की कोशिश की है। साथ ही, बजरंग पूनिया का किसान विंग में शामिल होना कांग्रेस के किसान मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति का हिस्सा है। चुनावी हलचल के बीच यह घटनाक्रम भारतीय राजनीति में नया मोड़ ला सकता है।