लखनऊ संवाददाता- विभांशु मणि त्रिपाठी
लोकसभा चुनाव: कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए आज का दिन शुभ शुभ समाचार लेकर आया मोदी सरनेम केस में सूरत की निचली अदालत ने राहुल गांधी को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई थी, सूरत कोर्ट के इस फैसले के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता चली गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने अब राहुल गांधी को दोष दोष ठहराए जाने के साथ ही सुनाई गई सजा पर रोक लगा दी है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है जब तक राहुल गांधी की याचिका पर पूरी सुनवाई पूरी नहीं हो जाती तब तक दोष सिद्ध पर रोक रहेगी सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को अधिकतम सजा सुनाए जाने पर भी सवाल उठाया है और सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी विपक्षी गठबंधन के लिए कई मायने में अहम है। वही सांसदी बहाल होने के बाद से ही कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता पदाधिकारी जश्न मना रहे हैं। वहीं राजधानी लखनऊ में भी प्रदेश कार्यालय पर जश्न का माहौल देखने को मिला।
बीजेपी नेताओं की साजिश निस्तानाबूत- प्रमोद तिवारी
वहीं कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद ने प्रेस वार्ता करते हुए कहा मैं अपनी ओर से और कांग्रेस के सभी साथियों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट का आभार व्यक्त करता हूं की उन्होंने एक ऐतिहासिक निर्णय दिया और सत्ता दल बीजेपी और उनके नेताओं की साजिश का आज के फैसले ने निस्तानाबूत कर दिया। ये घटना हुई थी कर्नाटक की एक जगह लेकिन वहा कुछ नही किया मुद्दे को गुजरात ले गए बीच में मुकदमा खत्म हो गया लेकिन भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी की बढ़ती हुई लोकप्रियता देख कर और सत्ता हाथ से जाते देख कर इस मुद्दों को फिर से जीवित किया।
शहीद के बेटे को बेघर कर दिया गया
जब बीजेपी की सदस्यता रद्द करने का मामला आता है तो लंबा समय लिया जाता है सदस्यता पर जबतक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नही आ जाता लेकिन राहुल गांधी में एक शाम में ही सदस्यता रद्द कर दी जाती है और उनका बंगला खाली करा लिया जाता है। एक शहीद के बेटे जिसकी दादी देश की रक्षा के लिए शहीद हुईं उसको बेघर कर दिया गया।सत्य हार नही सकता। सत्य की आज जीत हुए।आज केंद्र की सरकार उल्टी गिनती शुरू हो गई।
पहले जो कानून का फैसला था वो तथ्यों पर आधारित नहीं था और जिस सेक्शन 500 में 2 साल की सजा नही दी गई उसमे राहुल गांधी को क्यों मैक्सिमम पनिशमेंट दिया गया। 2 साल की सजा इसलिए दी ताकि सांसद सदस्यता रद्द की जा सके। फैसले का इरादा सांसद सदस्यता खत्म करना था और इसके पीछे सत्ता पक्ष का दबाव था लगता है सजा देते हुए सांसद से जुड़े हुए सीआरपीसी का भी ध्यान नहीं दिया गया और ना परिवारिक इतिहास देखा गया।