Gyanvapi Case ASI Survey: बीते लम्बे समय से चल रहे ज्ञानवापी मस्जिद मामले में कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका दिया है । शुक्रवार को ज्ञानवापी मस्जिद मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एएसआई के सर्वे को मंजूरी दे दी है, इसके साथ ही कोर्ट ने विवादित हिस्से को छोड़कर बाकी पूरे परिसर में सर्वे को मंजूरी दे दी है।
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वही इस मामले में हिन्दू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि, ”कोर्ट ने ASI सर्वे का आदेश दे दिया है. विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मेरा आवेदन मंजूर कर लिया गया है और अदालत ने वजू टैंक को छोड़कर, जिसे सील कर दिया गया है। ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है। ASI इस सर्वे की रिपोर्ट जिला जज को 4 अगस्त को देगा।”
ASI सर्वे के क्या है मायने ?
दरअसल, ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद में मिले कथित तौर पर शिवलिंग के वैज्ञानिक सर्वेक्षण और कार्बन-डेटिंग की अनुमति पर रोक लगा इलाहाबाद हाईकोर्ट के निर्देश पर रोक लगा दी थी । इस मामले में एक पक्ष कहता है कि यह शिवलिंग है वही दूसरा पक्ष कहता है कि ये फव्वारा है । लेकिन अब ASI सर्वे इस बात की जानकारी प्राप्त होगी कि ये मस्जिद कितना पुराना है और हिन्दू पक्ष के दावे में कितना सच छिपा है।
इससे पहले कोर्ट कमिश्वर अजय मिश्रा ने 6-7 मई को ज्ञानवापी परिसर का सर्वे किया था। इस सर्वे की रिपोर्ट में बताया गया है था कि, ”परिसर की दीवारों पर देवी-देवताओं की कलाकृति, कमल की कुछ कलाकृतियां और शेषनाग जैसी आकृति मिलने की बात कही गई थी. हालांकि इस रिपोर्ट में तहखाने को लेकर कुछ नहीं जानकारी बताई गई थी”
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क्या है पूरा मामला ?
वाराणसी के ज्ञानवापी विवाद में हिन्दू पक्ष का दावा है कि, मस्जिद के एक हिस्से में 100 फीट ऊंचा आदि विश्वेश्वर का स्वयंभू ज्योतिर्लिंग है और इस प्रकार हिन्दू धर्म के लोगों को नियमित पूजा अर्चना करने की अनुमति प्रदान की जाए। इसके आलावा हिन्दू धर्म के लोगो की एक मांग ये भी है कि, ज्ञानवापी मस्जिद का पूरा परिसर हिन्दू धर्म के लोगो को सौंपा जाए और मुस्लिम धर्म के लोगो का प्रवेश वर्जित कर दिया जाए। इतना ही नहीं हिन्दू पक्ष की ये भी मांग है कि मस्जिद के गुम्बद को तोड़ने की भी उन्हे कोर्ट अनुमति प्रदान करें ।