J&K Assembly Polls: कांग्रेस के शीर्ष नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे जम्मू-कश्मीर के दो दिवसीय दौरे पर हैं. 21 अगस्त की शाम को दोनों नेता श्रीनगर पहुंचे, जहां वे आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर बैठकों का आयोजन करेंगे. इस दौरे का उद्देश्य कांग्रेस कार्यकर्ताओं को चुनाव के लिए तैयार करना और क्षेत्र की राजनीतिक स्थिति को मजबूत करना है.
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राज्य का दर्जा बहाल करने की प्रतिबद्धता
आपको बता दे कि इस दौरे के दौरान, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने की लड़ाई लड़ने का संकल्प लिया. उन्होंने कहा, “हम यहां कार्यकर्ताओं को चुनाव की जानकारी देने आए हैं और राहुल गांधी के नेतृत्व में कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाने के लिए संघर्ष करेंगे.”
केंद्र सरकार पर निशाना साधा
मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “हमने राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्ष को एकजुट किया है. इंडिया गठबंधन के परिणामों ने दिखा दिया है कि हमने एक तानाशाह को पूर्ण बहुमत हासिल करने से रोका और उन्हें तीन विवादित कानून वापस लेने पर मजबूर किया.” उन्होंने आगे कहा कि जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा नहीं दिया गया, जबकि अन्य केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य में तब्दील कर दिया गया है. उन्होंने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यहां न विधानसभा है, न परिषद, न पंचायत और न ही नगर पालिका.
लोकतंत्र को कमजोर करने का लगाया आरोप
मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा, “सुप्रीम कोर्ट के दबाव में चुनाव की घोषणा की गई है, लेकिन भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी कभी भी लोकतंत्र को खत्म नहीं कर पाएंगे और न ही लोगों की आवाज को दबा पाएंगे. हम जम्मू-कश्मीर के लोगों के साथ खड़े हैं, और अगर हमारी सरकार बनी तो हम यहां के युवाओं को रोजगार देंगे और स्थानीय उद्योगों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.”
राहुल गांधी का कश्मीर से गहरा रिश्ता
राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जम्मू-कश्मीर के लोगों से अपने गहरे रिश्ते का जिक्र किया और राज्य का दर्जा बहाल करने की अपनी प्राथमिकता को दोहराया. उन्होंने कहा, “हमारा पहला उद्देश्य राज्य का दर्जा बहाल करना है, और हमें उम्मीद थी कि चुनाव से पहले इसे बहाल कर दिया जाएगा. आजादी के बाद यह पहली बार है कि किसी राज्य को केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील किया गया है. हम अपने राष्ट्रीय घोषणापत्र में स्पष्ट हैं कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को उनके लोकतांत्रिक अधिकार मिलने चाहिए. मेरा कश्मीर से गहरा रिश्ता है और हम शांति बहाल करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे.”