Loksabha Election 2024:आगामी लोकसभा चुनाव से कुछ समय पहले ही चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे ने देश की सियासत को गरमा दिया है.जाहिर है अब जब लोकसभा चुनाव होने में बेहद कम वक्त बचा है और ऐसे समय चुनाव आयुक्त का इस्तीफा देना विपक्ष के लिए एक मौके की तरह है जिसको वो भुनाने में लगी है।अरुण गोयल के इस्तीफे को लेकर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कई सवाल उठाए हैं.
ओवैसी ने चुनाव आयुक्त के इस्तीफे को लेकर मोदी सरकार पर सवालिया निशान उठाए हैं उन्होंने कहा कि,ये बहुत चौंकाने वाली बात है जब भारत का चुनाव आयोग 13 मार्च के बाद किसी भी दिन लोकसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करने जा रहा है और उससे ठीक पहले चुनाव आयुक्त अरुण गोयल का इस्तीफा हो गया है।मैंने संसद में कहा है कि,सरकार सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ जा रही है और मुख्य चुनाव आयुक्त और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति के तरीके को बदल रही है।
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चुनाव आयुक्त के इस्तीफे पर सरकार से सवाल
ओवैसी ने आगे ये भी कहा कि,यदि उन्हें नियुक्त करने वाले 3 लोगों में से 2 सरकार से हैं तो ये स्पष्ट है कि सरकार अपने लोगों को उस पद पर रखेगी.सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि,उस समिति में सरकार का बहुमत नहीं होना चाहिए…अरुण गोयल को या सरकार को इसका कारण बताना चाहिए कि चुनाव से ठीक पहले ऐसा क्यों हुआ है।वहीं दिल्ली में आम आदमी पार्टी सरकार में मंत्री आतिशी ने भी चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए खुली चुनौती दी है.आतिशी ने कहा कि,चुनाव आयुक्त अरुण गोयल को भाजपा सरकार ने खुद ही नियुक्त किया था,वालंटियरी रिटायरमेंट के 24 घंटे के अंदर उनकी नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी कर दी थी और उसे डिफेंड करने के लिए भाजपा शासित केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट तक चली गई थी।
मंत्री आतिशी ने सरकार को घेरा
दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने कहा कि,ये कहना गलत नहीं होगा कि,चुनाव आयुक्त अरुण गोयल उनके अपने आदमी थे और फिर भी इन्होंने 2027 में अपना कार्यकाल पूरा होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया.भाजपा से ऐसी कौन सी हेरा-फेरी का आदेश आ गया,कि उनका अपना आदमी काम नहीं कर पाया और लोकसभा चुनाव से ठीक पहले इस्तीफ़ा देने पर बाध्य हो गया?क्या भाजपा चंडीगढ़ जैसा षड्यंत्र अब लोकसभा में भी आजमाने का प्रयास कर रही है?
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ये बेहद चिंताजनक बात है-केसी वेणुगोपाल
कांग्रेस पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा है कि,निर्वाचन आयोग के कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित की जानी चाहिए.सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए कांग्रेस महासचिव ने लिखा है,दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सेहत के लिए ये बेहद चिंताजनक बात है कि,चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस्तीफा दिया है.उन्होंने कहा कि,निर्वाचन आयोग जैसी संवैधानिक संस्था कैसे काम कर रही है?इसमें बिल्कुल पारदर्शिता नहीं है ।