Gyanwapi Case News:सुप्रीम कोर्ट ने आज ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई की,जिसमें मस्जिद पक्ष के वकील हुजैफा अहमदी ने बताया कि,निचली अदालत ने आदेश लागू करने के लिए एक हफ्ते का समय दिया है लेकिन सरकार ने इसे तुरंत लागू कर दिया.हाईकोर्ट से भी हमें राहत नहीं मिली है.सुप्रीम कोर्ट को तुरंत इस पर रोक लगानी चाहिए।इसके बाद चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने मामले पर नोटिस जारी कर किसी और तारीख पर सुनवाई करने का संकेत दिया.हालांकि,मस्जिद पक्ष के वकील ने पूजा पर तत्काल रोक की मांग पर अपनी दलीलें रखीं.इस दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा,तहखाने का प्रवेश दक्षिण से है और मस्जिद का उत्तर से.दोनों एक-दूसरे को प्रभावित नहीं करते.हम ये निर्देश देते हैं कि,फिलहाल नमाज और पूजा दोनों अपनी-अपनी जगहों पर जारी रहे.चीफ जस्टिस द्वारा जारी औपचारिक नोटिस का व्यास परिवार के वकील श्याम दीवान ने विरोध किया.वकील श्याम दिवान ने कहा कि,अभी निचली अदालतों में मामले का पूरी तरह निपटारा नहीं हुआ.इस समय सुप्रीम कोर्ट के दखल की जरूरत नहीं है।

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इलाहाबाद HC के फैसले के खिलाफ SC पहुंची मस्जिद कमेटी
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी है जिसमें मस्जिद के दक्षिणी तहखाने में हिंदुओं को पूजा की अनुमति देने वाले निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा गया.वाराणसी में स्थित कमेटी ज्ञानवापी मस्जिद के मामलों का प्रबंधन करती है.31 जनवरी को निचली अदालत ने अपने आदेश में हिंदुओं को तहखाने में पूजा करने की इजाजत दी थी.इसके बाद कमेटी हाईकोर्ट में गई, जहां 26 फरवरी को उनकी याचिका खारिज कर दी गई.हाईकोर्ट ने कहा कि ज्ञानवापी के दक्षिणी तहखाने में स्थित व्यास जी के तहखाने के भीतर पूजा रोकने वाला उत्तर प्रदेश सरकार का 1993 का फैसला अवैध था.पूजा-पाठ को बिना किसी लिखित आदेश के राज्य की अवैध कार्रवाई के जरिए रोक दिया गया।

वकील विष्णु शंकर ने दी जानकारी
इस मामले में हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया,आज सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी मामले पर सुनवाई हुई.व्यास परिवार की ओर से वाराणसी जिला न्यायालय में जो आवेदन दिया गया था, जिसमें 31 जनवरी 2024 से ‘व्यास का तहखाना’ में पूजा करने की अनुमति दी गई थी उसके खिलाफ मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में गया लेकिन इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हिंदू पक्ष के पक्ष में फैसला सुनाया.आज अंजुमन इंतजामिया इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट आया था,सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस केस में नोटिस जारी किया है और हमें 30 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करना है.पूजा पर कोई रोक नहीं लगाई गई है।