Congress leader Priyanka Gandhi:कांग्रेस (Congress)की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) आज पहली बार संसद (Member of Parliament) सदस्य के रूप में शपथ लेंगी। यह उनके लिए एक ऐतिहासिक क्षण होगा, क्योंकि वह अपने भाई राहुल गांधी के साथ सदन में शपथ लेंगी। प्रियंका गांधी के संसद में प्रवेश के साथ ही गांधी परिवार के तीन सदस्य एक साथ संसद में उपस्थित होंगे, जिसमें उनकी मां सोनिया गांधी भी शामिल हैं, जो पहले से ही राज्यसभा की सदस्य हैं। इस प्रकार, गांधी परिवार का प्रभाव संसद के दोनों सदनों में देखा जाएगा—सोनिया गांधी राज्यसभा में, जबकि राहुल और प्रियंका गांधी लोकसभा में।
प्रियंका गांधी की संसद में पहली बार शपथ
प्रियंका गांधी ने केरल के वायनाड से लोकसभा उपचुनाव में जीत दर्ज की थी, जो उनके भाई राहुल गांधी ने खाली की थी। प्रियंका गांधी ने इस सीट पर जोरदार जीत हासिल की और चार लाख से अधिक मतों के अंतर से जीतने में सफल रही। यह जीत न केवल उनके राजनीतिक करियर का एक महत्वपूर्ण मोड़ है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि गांधी परिवार का प्रभाव अभी भी भारतीय राजनीति में मजबूत है। प्रियंका गांधी का चुनावी पदार्पण बहुत ही शानदार था, और उनके समर्थन में भारी मतदाताओं की भागीदारी ने उन्हें एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित किया।
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गांधी परिवार के तीन सदस्य संसद में
प्रियंका गांधी के संसद में शपथ लेने के बाद गांधी परिवार के तीन सदस्य संसद में एक साथ होंगे। उनकी मां सोनिया गांधी, जो राज्यसभा के सदस्य हैं, ने 2024 के आम चुनावों में रायबरेली से चुनाव न लड़ने का निर्णय लिया था। इसके परिणामस्वरूप सोनिया गांधी को राज्यसभा में चुना गया। अब उनके बच्चे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी, लोकसभा में बैठेंगे, यानी मां उच्च सदन में और बेटे तथा बेटी निचले सदन में होंगे।
इससे पहले, गांधी परिवार का संसद में एक साथ आना कभी नहीं हुआ था। यह एक महत्वपूर्ण क्षण है, जो गांधी परिवार के प्रभाव और भारतीय राजनीति में उनकी भूमिका को एक नया आयाम देगा।
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भारत में अन्य राजनीतिक परिवारों का संसद में योगदान
गांधी परिवार के अलावा, भारतीय राजनीति में कई अन्य परिवार भी हैं जिनके सदस्य संसद में एक साथ सक्रिय रहते हैं। उदाहरण के लिए, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव के परिवार के चार सदस्य संसद में विभिन्न पदों पर हैं। इन राजनीतिक परिवारों का संसद में एक साथ होना उनके सामूहिक प्रभाव को और बढ़ाता है और उनकी राजनीतिक ताकत को भी मजबूत करता है।