Droupadi Murmu: राष्ट्रपति Droupadi Murmu ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम को मंजूरी दे दी है। जिसकी वजह से यह बिल अब कानून बन गया हैं। शुक्रवार 29 सितंबर को इस बिल के लिए कानून बनने की तारीख साबित हुई है। इस बिल को कानून के लागू होने पर लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण मिलेगा। इस बिल को दोनों सदनों में दोनों सर्वसम्मति से पास किया गया था, जिके बाद इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के पास भेजा गया था।
Read more: CSPDCL: बिजली विभाग मे निकली वैकेंसी, ऐसे करें अप्लाई
महिलाओं के सशक्तिकरण
इस बिल के लागू होने से लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत की आरक्षण मिलना एक महत्वपूर्ण कदम होगा। जो महिलाओं के सशक्तिकरण और समाज में उनकी उपस्थिति को बढ़ावा देगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के इसे लैंगिक न्याय के साथ जोड़कर इसे एक परिवर्तनकारी क्रांति के रूप में देखना उचित है, और यह सामाजिक समानता की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े
हाल ही में केंद्र सरकार ने महिला आरक्षण को ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के नाम से लोकसभा में पेश किया था। वही बिल को पेश करने के बाद वोटिंग प्रक्रिया हुई। जिसके बाद लोकसभा में इस बिल के पक्ष में 454 वोट पड़े। वहीं दो सांसदों ने इसका विरोध भी किया था।
जबकि लेकिन राज्यसभा में इस बिल का किसी ने विरोध नहीं किया था। राज्यसभा में वोटिंग के दौरान 214 सांसद मौजूद थे और सभी ने बिल के पक्ष में वोट दिया। इसके साथ ही दोनों सदनों में बिल सर्वसम्मति से पास हुआ।
किसी भी बिल को दोनों सदनों में पास होने के बाद राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाता हैं। ठीक उसी तरह शुक्रवार 29 सितंबर को इस बिल को राष्ट्रपति ने भी मंजूरी दे दी है। अब राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी का मुहर लगते ही बिल कानून बन गया हैं।
Read more: लखनऊ में बड़ा हादसा, मासूम समेत उसके पिता की मौत, 12 लोग घायल..
अहम पड़ाव भी बाकी
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह बिल कानून तो बन गया लेकिन कानून बनने के बाद अब अगला और अहम पड़ाव भी बाकी है। जो कि राज्यों से भी मंजूरी मिलना होता हैं। आपको बता दे कि अनुच्छेद-368 के तहत, अगर केंद्र के किसी कानून से राज्यों के अधिकार पर कोई प्रभाव पड़ता है, तो कानून बनने के लिए कम से कम 50% विधानसभाओं की मंजूरी लेनी होगी। यानी, कानून देशभर में तभी लागू होगा, जब कम से कम 14 राज्यों की विधान इसे पास कर देंगी।
कब लागू होगा ये बिल
बिल कानून बनने के बाद ही लागू होता हैं लेकिन फिर भी ये बिल जनगणना होने के बाद ही लागू होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि कोविड के कारण 2021 की जनगणना नहीं हो सकी है। 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद जनगणना का काम शुरू होगा।