सुल्तानपुर संवाददाता- आशुतोष श्रीवास्ताव
Sulthanpur: सुल्तानपुर के सिताकुण्ड घाट पर महापर्व डाला छठ की तैयारियां तेज हो गई है। आज से नहाय खाय के साथ खरना पर्व आरंभ हो जाएगा। इसे देखते हुए पूजन-सामग्री की हो रही खरीदारी से बाजार में रौनक है। छठ पर्व पर पूजा के लिए लोग हर छोटी से छोटी सामग्री जुटाने में लगे रहे। महिलाएं सौंदर्य प्रसाधन व नए परिधानों की खरीदारी कर रही हैं।
सीताकुंड घाट पर आस्था का सैलाब उमड़ेगा
दरअसल आपको बता दे कि डाला छठ पर्व पर हर साल की तरह इस बार भी सीताकुंड घाट पर आस्था का सैलाब उमड़ेगा। नहाय-खाय शुक्रवार को है। चौथा दिन यानी सप्तमी तिथि छठ महापर्व का अंतिम दिन होता है। इस दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है और व्रत का पारण भी होता है। 19 नवंबर को डूबते हुए और 20 नवंबर को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा। इसलिए व्रती समय से सारी तैयारियां पूरी कर रहे हैं। विभिन्न स्थानों पर डाला छठ की पूजन सामग्रियां बिक रही हैं। श्रद्धालु अपनी-अपनी जरूरतों के अनुसार सामानों की खरीदारी कर रहे हैं। चौक व सब्जी मंडी का बाजार का गुलजार रहा।
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नए वस्त्र में पर्व मनाने की परंपरा
वहीं छठ पूजा के लिए कोशी, बांस का सुपली, दउरा, साड़ी समेत अन्य वस्त्रों की खरीदारी जोरशोर से की जा रही है। नए वस्त्र में पर्व मनाने की परंपरा है। इस वजह से कपड़े की दुकानों पर भी भीड़ दिख रही है। इस समय चूड़ी, बिंदी सहित शृंगार की अन्य सामग्रियों की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ देखी जा सकती है। इस पर्व पर नारियल, केला, नींबू, सिंघाड़ा, ईख व गुड़ का विशेष महत्व होता है। ईख के गुड़ का प्रसाद ही बनाया जाता है। व्रतियों के लिए नहाय खाय के पर्व में कद्दू का सेवन करना आवश्यक माना जाता है। नींबू और परंपरागत रूप से शुभ के लिए सुपारी का भी इस पर्व में काफी महत्व है। फलों की दुकानों पर भी लोगों की भीड़ लगी रही।