Student Protest in Prayagraj: प्रयागराज में लोक सेवा आयोग (UPPCS) के कार्यालय के बाहर छात्रों का जोरदार प्रदर्शन जारी है। ये छात्र पीसीएस (PCS) और आरओ/एआरओ (RO/ARO) परीक्षा को एक ही दिन में आयोजित करने की मांग कर रहे हैं। आयोग ने पीसीएस-2024 प्रारंभिक परीक्षा (PCS-2024 Preliminary Exam) और आरओ-एआरओ-2024 प्रारंभिक परीक्षा (RO-ARO-2024 Preliminary Exam) दो अलग-अलग दिन आयोजित करने का निर्णय लिया है, जिसके विरोध में बड़ी संख्या में छात्र एकजुट हुए हैं। सोमवार को यह प्रदर्शन काफी बढ़ गया, जिसमें हजारों छात्र शामिल हो गए, और पुलिस व प्रशासन को कड़ा रुख अपनाना पड़ा।
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पुलिस ने किया लाठीचार्ज
प्रदर्शनकारियों की भीड़ और नारेबाजी को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग करते हुए लाठीचार्ज किया। पुलिस का यह कदम प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए उठाया गया, जो बैरिकेडिंग तोड़कर आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे। इस घटना के बाद छात्रों में भारी आक्रोश फैल गया, और उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस, पीएसी और आरएएफ के जवानों को तैनात कर दिया गया है।
अखिलेश यादव का ट्वीट – ‘युवा कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा’
इस लाठीचार्ज की घटना के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला। अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा, “युवा कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!” उन्होंने लिखा, “युवा विरोधी भाजपा का छात्राओं और छात्रों पर लाठीचार्ज बेहद निंदनीय कृत्य है। इलाहाबाद में UPPSC में धांधली को रोकने के लिए अभ्यर्थियों ने जब मांग बुलंद की तो भ्रष्ट भाजपा सरकार हिंसक हो उठी। हम फिर दोहराते हैं: नौकरी भाजपा के एजेंडे में है ही नहीं। हम युवाओं के साथ हैं।”
सपा के समर्थन से छात्रों के हौसले बुलंद
अखिलेश यादव के इस समर्थन से प्रदर्शनकारी छात्रों का मनोबल और बढ़ा है। सपा अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार में छात्रों की मांगों को नज़रअंदाज किया जा रहा है और उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। उन्होंने अपने ट्वीट में आगे लिखा, “अब हर हाथ में तिरंगा लहराएगा, भाजपा का ज़ुल्म सहा न जाएगा!” उन्होंने यह भी दोहराया कि समाजवादी पार्टी युवाओं के साथ खड़ी है और उनके अधिकारों की लड़ाई लड़ेगी।
परीक्षा प्रणाली में बदलाव को लेकर हो रहा विरोध

प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि पीसीएस और आरओ/एआरओ (RO-ARO) की परीक्षाएं दो अलग-अलग दिनों में होने से न केवल उनकी तैयारी पर असर पड़ेगा, बल्कि यह समय और आर्थिक रूप से भी एक बड़ा बोझ बनेगा। छात्रों ने कहा कि अगर परीक्षा एक ही दिन में होती है तो उनका समय और साधन दोनों बचेंगे। इसके अलावा, वे परीक्षा में “नॉर्मलाइजेशन” प्रणाली लागू करने के निर्णय का भी विरोध कर रहे हैं, जिसे छात्रों के अनुसार उनके परिणामों पर अनुचित प्रभाव डाल सकता है।
प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर
प्रदर्शन की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने भी पूरी तैयारी कर ली है। पुलिस अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए जो भी कदम जरूरी होंगे, वे उठाए जाएंगे। फिर भी, छात्रों ने ऐलान किया है कि जब तक आयोग एक दिन में परीक्षा आयोजित करने का नोटिस जारी नहीं करता, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
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उपमुख्यमंत्री और अन्य अधिकारियों ने साधी चुप्पी
अभी तक इस मामले में सरकार की ओर से कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है। वहीं, प्रदर्शन कर रहे छात्रों का मानना है कि उनके मुद्दों को लेकर सरकार का यह मौन रवैया छात्रों के प्रति सही नहीं है। छात्र संगठन और कई विपक्षी दल सरकार की इस चुप्पी पर सवाल उठा रहे हैं और इसे छात्रों के भविष्य के साथ अन्याय बता रहे हैं। छात्रों ने सोमवार की दोपहर तक आयोग के सामने का रास्ता ब्लॉक कर दिया और आवागमन रोक दिया।
वहीं, लाठीचार्ज के बाद भी छात्रों के हौसले में कोई कमी नहीं आई है। उनके हाथों में बैनर-पोस्टर हैं जिनमें लिखा है, “हमारा भविष्य सुरक्षित करो!” छात्रों ने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। अब यह देखना होगा कि सरकार छात्रों की मांगों पर क्या रुख अपनाती है और क्या छात्र इस आंदोलन के माध्यम से अपनी मांगों को मनवाने में सफल होते हैं।