Lucknow News: लखनऊ के रहीम नगर, पंत नगर, इंद्रप्रस्थ नगर और अबरार नगर में कुकरैल नदी के सौंदर्यीकरण के नाम पर हो रहे ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन हो रहा है। इन चारों इलाकों में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के खिलाफ पूरे लखनऊ (Lucknow) में प्रदर्शन हो रहे हैं। स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर उनके मकान अवैध हैं, तो उनके वोटर आईडी और उनके द्वारा दिए गए वोट भी अवैध हैं। उन्होंने मांग की है कि चुनाव आयोग इस मामले को संज्ञान में ले और उनके क्षेत्र के पार्षद, विधायक, सांसद और मुख्यमंत्री की सदस्यता रद्द करके दोबारा चुनाव करवाए।
एलडीए की सर्वे और नोटिस प्रक्रिया
सिंचाई विभाग के बाद अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने सोमवार से कुकरैल नदी की ग्रीन बेल्ट पर बनी कालोनियों का घर-घर सर्वे करने का निर्णय लिया है। इस सर्वे के आधार पर एलडीए नगर निगम के जारी गृहकर निर्धारण की रिपोर्ट के आधार पर कारण बताओ नोटिस भवन स्वामियों को जारी करेगा। इस बीच, पंत नगर के निवासियों ने अपने घरों के बाहर मकान की रजिस्ट्री की फोटोकापी चस्पा कर दी है, जिससे यह साबित हो सके कि उनके पास वैध दस्तावेज हैं।
अवैध निर्माण और दस्तावेज विवाद
एलडीए और सिंचाई विभाग ने सर्वे करके तोड़े जाने वाले मकानों पर लाल निशान लगाए हैं। पंत नगर के निवासियों ने बताया कि उनके मकानों को अवैध बताया जा रहा है, जबकि उनके पास मकान की रजिस्ट्री, दाखिला खारिज, वाटर टैक्स, हाउस टैक्स, बिजली बिल, आधार कार्ड और वोटर आईडी कार्ड जैसे सभी वैध दस्तावेज मौजूद हैं। स्थानीय निवासियों ने सवाल उठाया कि अगर ये दस्तावेज अवैध हैं, तो फिर वैध क्या है?
सपा प्रवक्ता का बयान
सपा प्रवक्ता अनुराग भदौरिया (Anurag Bhadoria) ने कहा कि यहां के लोग अपना वोट वापस मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने लोगों का वोट लेकर सरकार बनाई और जब यहां के लोग अवैध थे तो उनका वोट भी अवैध हुआ। उन्होंने आगे कहा कि सरकार से मेरा सवाल यह है कि जो वैध मकान हैं, उन्हें क्यों तोड़ा जा रहा है? ये सरकार बसाती कम है, घर तोड़ती ज्यादा है और यही चिंता का विषय है।
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रजिस्ट्री की फोटोकापी का प्रदर्शन
कुकरैल नदी के ग्रीन बेल्ट के सीमांकन के विरोध में पंतनगर के लोगों ने अपने घरों के बाहर मकान की रजिस्ट्री की फोटोकापी चस्पा कर दी है। निवासियों का कहना है कि ग्रीन बेल्ट की जमीन पर प्लाटिंग और निर्माण को रोकने के लिए तत्कालीन जिम्मेदार अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए।
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राजनीतिक प्रतिक्रिया
इस विवाद ने लखनऊ की राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। विरोध प्रदर्शन के दौरान स्थानीय निवासियों ने न केवल अपने वैध दस्तावेजों की प्रदर्शनी की, बल्कि उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार और प्रशासन की नीतियों पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने चुनाव आयोग से इस मामले को संज्ञान में लेकर पुनः चुनाव कराने की मांग की है। कुकरैल नदी के सौंदर्यीकरण के नाम पर हो रही ध्वस्तीकरण की कार्रवाई ने लखनऊ के स्थानीय निवासियों को आक्रोशित कर दिया है। इस मुद्दे ने न केवल स्थानीय प्रशासन और सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह राजनीतिक विवाद का भी कारण बन गया है। अब यह देखना होगा कि इस विवाद का समाधान कैसे होता है और क्या सरकार निवासियों की मांगों को पूरा करती है या नहीं।
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