PM Modi attend G7 summit : इटली के अपुलिया में होने वाले 50वें G7 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित विभिन्न देशों के महत्वपूर्ण नेता शामिल होंगे. इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक शामिल होंगे. इस सम्मेलन में विशेष रूप से आर्थिक और वैश्विक मुद्दों पर ध्यान केंद्रित होगा.
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पीएम मोदी इटली के अपुलिया पहुंचे
भारत अभी तक G7 का सदस्य नहीं है, लेकिन उसे आउटरीच देश के तौर पर सम्मिलित किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी इस समय आउटरीच सत्र में भाग लेंगे और इस दौरान वहां वे अन्य वैश्विक नेताओं से भी मिलेंगे. बता दे कि यह उनका पहला विदेशी दौरा है जिसे वे तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कर रहे हैं. इसमें भारत के वैश्विक महत्व को मजबूत करने का भी एक महत्वपूर्ण संकेत है.प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को इटली के अपुलिया पहुंचे हैं और वहां जी7 समिट के आउटरीच सेशन में भाग लेने के लिए तैयार हैं. इस समय में वे अन्य वैश्विक नेताओं से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जो वैश्विक मुद्दों पर गहराई से चर्चा करने का मौका प्राप्त करेंगे.
देखें PM मोदी का आज का शेड्यूल
प्रधानमंत्री मोदी आज दोपहर 2.15 से 2.40 बजे तक फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे, जिसके बाद 2.40 से 3 बजे तक ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के साथ वार्ता की जाएगी. शाम को लगभग सात बजे, उन्हें G-7 समिट में भाग लेना है, जहां उनका इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के साथ वेलकम फोटोशूट होगा. इसके बाद रात के आसपास नौ बजे, उनकी जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कॉलज के साथ द्विपक्षीय वार्ता होगी. उनकी दिनचर्या में शामिल हैं भीतर इटली की पीएम जो बाद में उनसे मिलेंगी, और एक आखिरी रात्रिभोज के अवसर पर इटली की पीएम की मेजबानी भी करेंगी.
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बाइडेन और जेलेंस्की के बीच 10 साल का समझौता
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के बीच जी7 सम्मेलन के दौरान दस साल के द्विपक्षीय सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते का मुख्य उद्देश्य यह है कि यह यूक्रेन की रक्षा को मजबूत करेगा और उसे नाटो सदस्यता के पास ला सकता है, जो रूसी आक्रमणकारियों के खिलाफ एक साफ संकेत है. इससे यह स्पष्ट होता है कि अमेरिकी प्रशासन ने यूक्रेन के समर्थन में अपना प्रतिबद्धता पुनः प्रकट किया है, भले ही पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नवंबर के चुनावों में विजयी होते हों.
11 विकासशील देशों के नेताओं को न्योता
इस सम्मेलन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, जलवायु परिवर्तन, और सप्लाई चेन जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों पर विचार किया जाएगा. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर एक विशेष सत्र में पोप फ्रांसिस भी शामिल होंगे. इस सम्मेलन में भारत के अलावा अफ्रीका, दक्षिण अमेरिका, और भारत-प्रशांत क्षेत्र के 11 विकासशील देशों के नेताओं को भी न्योता भेजा गया है. इनमें भारत के साथ साथ ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, अल्जीरिया, अर्जेंटीना, मिस्र, केन्या, मॉरिटानिया, सऊदी अरब, ट्यूनीशिया, और संयुक्त राष्ट्र शामिल हैं. यह समझौता और आमंत्रण G7 सम्मेलन को और भी व्यापक और विशाल बनाते हैं, जिसमें यूरोपीय संघ के सदस्यों के अलावा अन्य राष्ट्रों और संगठनों का भी सम्मेलन में महत्वपूर्ण योगदान होता है.
क्या होता है ये G7 ?
G7 एक समूह है जिसमें दुनिया के सात महत्वपूर्ण और इकोनॉमिकी शक्तिशाली देश शामिल हैं. इस समूह के सदस्य देश हैं..
- अमेरिका
- कनाडा
- फ्रांस
- जर्मनी
- इटली
- जापान
- ब्रिटेन (यूनाइटेड किंगडम)
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क्या है G7 का मुख्य उद्देश्य?
G7 का मुख्य उद्देश्य वैश्विक आर्थिक मुद्दों पर सहमति और सहयोग के विकास को बढ़ावा देना है. यह समूह विभिन्न विषयों पर वार्ता करता है, जैसे कि अर्थव्यवस्था, वित्तीय बाजार, व्यापार, जलवायु परिवर्तन, वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग, और ग्लोबल सुरक्षा. इसके अलावा, G7 सदस्य देश और उनके नेताओं के बीच विशेष सम्मेलन (जैसे G7 शिखर सम्मेलन) भी आयोजित होते हैं, जहां वे विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करते हैं और सहयोग के माध्यम से समाधान ढूंढते हैं.