Sabarmati Report: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिल्म ‘साबरमती रिपोर्ट’ (Sabarmati Report) के संदर्भ में एक ट्वीट को उद्धृत करते हुए कहा कि यह बहुत अच्छा है कि सच अब सामने आ रहा है और आम लोग इसे देख पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक नकली नारेटिव केवल कुछ समय तक ही टिक सकता है, जबकि सत्य हमेशा सामने आता है। प्रधानमंत्री मोदी ने फिल्म के निर्माताओं के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि यह फिल्म इस घटना के वास्तविक तथ्य को सामने लाती है, जिसे पहले विकृत किया गया था।
आलोक भट्ट का ट्वीट: ‘फिल्म में सामने आया ऐतिहासिक सच’
फिल्म ‘साबरमती रिपोर्ट’ पर प्रतिक्रिया देते हुए आलोक भट्ट ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने इस फिल्म को देखने की सिफारिश की। भट्ट ने कहा, “यह फिल्म हमारे हालिया इतिहास की एक शर्मनाक घटना का सच सामने लाती है। फिल्म के निर्माता ने इसे संवेदनशीलता और गरिमा के साथ प्रस्तुत किया है।” उन्होंने यह भी कहा कि साबरमती एक्सप्रेस के यात्रियों को जलाने की घटना को कुछ स्वार्थी समूहों ने अपने राजनीतिक एजेंडे के तहत बदल दिया, और इस घटना का इस्तेमाल छवि धूमिल करने के लिए किया गया। भट्ट के अनुसार, यह फिल्म उन 59 निर्दोष पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित करती है, जिन्होंने 2002 में इस घटना में अपनी जान गंवाई थी।
‘साबरमती रिपोर्ट’: विक्रांत मैसी के फ़िल्मी करियर में एक और मील का पत्थर
फिल्म ‘साबरमती रिपोर्ट’ 15 नवंबर 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज हुई, और रिलीज होने से पहले ही यह फिल्म विवादों का हिस्सा बन गई थी। फिल्म के कुछ आलोचकों का कहना था कि फिल्म के माध्यम से निर्माताओं ने अपनी छवि सुधारने का प्रयास किया है, खासकर उन घटनाओं को लेकर जो 2002 में गोधरा कांड से जुड़ी हुई हैं। हालांकि, फिल्म निर्माता और अभिनेता विक्रांत मैसी ने इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी।
फिल्म के निर्माता विक्रांत मैसी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “इतिहास गवाह है, देश हो या इंसान, गिरकर ही संभलते हैं। झूठ का चाहे जितना लंबा दौर हो, उसे सिर्फ सच ही बदलता है।” यह बयान फिल्म के उद्देश्यों को स्पष्ट करता है, जो कि गोधरा कांड से जुड़े वास्तविक तथ्यों को सामने लाने का था।
गोधरा कांड: एक दिल दहला देने वाली घटना
गोधरा कांड, जिसे साबरमती एक्सप्रेस नरसंहार के नाम से भी जाना जाता है, 27 फरवरी 2002 को हुआ था, जब गोधरा रेलवे स्टेशन पर साबरमती एक्सप्रेस की एक बोगी में आग लगा दी गई थी। इस आगजनी में 59 लोग, जिनमें मुख्य रूप से हिंदू तीर्थयात्री और उनके परिवार के सदस्य शामिल थे, मारे गए थे। इस घटना के बाद पूरे गुजरात में सांप्रदायिक दंगे भड़क गए थे, जिनमें सैकड़ों लोग मारे गए और हजारों लोग प्रभावित हुए। गोधरा कांड ने भारतीय राजनीति और समाज में गहरी छाप छोड़ी, और इसे एक विभाजनकारी घटना के रूप में देखा गया।
फिल्म का उद्देश्य सिर्फ सत्य को उजागर करना
‘साबरमती रिपोर्ट’ इस कांड के बाद हुए घटनाक्रम और इसके बाद के राजनीतिक प्रभावों को सामने लाने का प्रयास करती है। फिल्म का मुख्य उद्देश्य यह है कि गोधरा कांड और उसके बाद की घटनाओं की सच्चाई को उजागर किया जाए, जिसे पहले व्यापक रूप से राजनीति और प्रचार के तहत मोड़ा गया था। यह फिल्म उन घटनाओं और व्यक्तित्वों पर प्रकाश डालती है जिन्होंने इस त्रासदी को अपने हित में उपयोग किया।
प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिक्रिया ने बढ़ाया उत्साह
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस फिल्म की सराहना करते हुए कहा कि यह फिल्म ऐसे समय में आई है जब तथ्य और सत्य के बीच के अंतर को समझना जरूरी हो गया है। उनका यह बयान गोधरा कांड और उससे जुड़े राजनीतिक विवादों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह फिल्म उन पीड़ितों को न्याय दिलाने का प्रयास करती है, जिन्होंने इस भयावह घटना में अपनी जान गंवाई।
‘साबरमती रिपोर्ट’ न केवल एक ऐतिहासिक घटना पर आधारित फिल्म है, बल्कि यह उन सच्चाईयों को सामने लाने का प्रयास भी है जो वर्षों से छिपाई गई थीं। फिल्म का उद्देश्य न केवल गोधरा कांड की घटनाओं को सटीक रूप से प्रस्तुत करना है, बल्कि यह भी दिखाना है कि कैसे राजनीति ने इस घटना का उपयोग किया और उसका दुरुपयोग किया। फिल्म ‘साबरमती रिपोर्ट’ को लेकर बढ़ते विवाद और सराहना के बीच यह साफ है कि यह फिल्म एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना को सामने लाने का प्रयास करती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टिप्पणियां इस तथ्य की पुष्टि करती हैं कि यह फिल्म समय की सच्चाई को उजागर करने का एक महत्वपूर्ण कदम है।