Pahalgam Terror Attack Today News in Hindi: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम (Pahalgam Terrorists Attack) में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद से सुरक्षाबलों की जांच में एक बड़ा खुलासा हुआ है। इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और संदिग्धों से की गई पूछताछ से पता चला है कि हमले में स्थानीय कश्मीरी ओवरग्राउंड वर्कर्स (OGW) और आतंकी सहयोगियों का हाथ था। इनकी पहचान 15 स्थानीय कश्मीरी व्यक्तियों के रूप में हुई है, जिनके ऊपर पाकिस्तान से आए आतंकवादियों की मदद करने का शक जताया जा रहा है।सूत्रों के मुताबिक, यह संदिग्ध पाकिस्तान से हथियारों की खेप लाने में शामिल थे और हमलावरों को स्थानीय सहायता प्रदान करने में सक्रिय थे। इन संदिग्धों पर आरोप है कि उन्होंने पाकिस्तान से जुड़े आतंकियों के लिए संसाधन जुटाए थे, जिससे आतंकवादी हमले को अंजाम दिया जा सका।
प्रमुख संदिग्धों की गिरफ्तारी और अन्य की तलाश
जांच में जुटे सुरक्षा एजेंसियों ने 5 प्रमुख संदिग्धों पर ध्यान केंद्रित किया है। इनमें से तीन संदिग्धों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि दो अन्य की तलाश जारी है। इन संदिग्धों को लेकर यह दावा किया जा रहा है कि हमले के दिन और उससे पहले इनका फोन इलाके में सक्रिय था, जिससे यह प्रमाण मिलता है कि इनकी गतिविधियाँ हमले के समय के दौरान संदिग्ध थीं।इलेक्ट्रॉनिक निगरानी के दौरान एक चैट को सामने लाया गया है, जिसमें हिरासत में लिए गए तीन प्रमुख संदिग्ध पाकिस्तानी आतंकवादियों के बारे में एक-दूसरे से बात कर रहे थे। ये बातचीत इस बात का संकेत देती है कि यह स्थानीय लोग आतंकियों की मदद करने में शामिल थे और हमले को अंजाम देने के लिए जरूरी समर्थन प्रदान कर रहे थे।
हमले के दिन की घटनाएँ
22 अप्रैल को पहलगाम में हुए इस हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिनमें कई पर्यटक और स्थानीय लोग भी शामिल थे। आतंकवादियों ने घातक तरीके से हमला किया, और स्थिति को भयंकर बना दिया। हमले के बाद से इलाके में सुरक्षा बढ़ा दी गई है और जांच जारी है।सुरक्षा एजेंसियां अब इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि क्या इस हमले के पीछे अन्य स्थानीय ओवरग्राउंड वर्कर्स का भी हाथ था। इसके अलावा, यह भी जांच की जा रही है कि इन ओजीडब्ल्यू ने पाकिस्तानियों के साथ किस प्रकार का नेटवर्क तैयार किया था, और इसके माध्यम से आतंकियों को स्थानीय सहायता कैसे दी गई।
हमले के बाद की स्थिति
अभी तक जिन 15 ओजीडब्ल्यू की पहचान की गई है, उनमें से कई लोग आतंकियों के साथ मिलीभगत में हो सकते हैं। इन लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू की जा चुकी है। पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां इन संदिग्धों के नेटवर्क को खंगालने में लगी हुई हैं।सुरक्षाबल इस हमले को लेकर बेहद सतर्क हैं और इस बात का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या यह हमला अकेले इन ओवरग्राउंड वर्कर्स की सहायता से हुआ था, या फिर इसमें और भी ज्यादा बड़े साजिश के सुराग मिल सकते हैं।