PM Modi News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को आपातकाल के 49 वर्ष पूरे होने पर लोकतंत्र के उस काले दिन को याद किया। उन्होंने इसे उन महान पुरुषों और महिलाओं को श्रद्धांजलि देने का दिन बताया, जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया था।
पीएम मोदी ने कहा कि आपातकाल (Emergency) का यह काला दिवस हमें याद दिलाता है कि कैसे कांग्रेस पार्टी ने बुनियादी स्वतंत्रताओं को नष्ट किया और भारत के संविधान को रौंदा, जिसका हर भारतीय बेहद सम्मान करता है। उन्होंने कहा कि सत्ता पर बने रहने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने हर लोकतांत्रिक सिद्धांत की अवहेलना की और देश को जेलखाना बना दिया था।
कांग्रेस की आलोचना
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस से असहमत होने वाले हर व्यक्ति को प्रताड़ित किया गया। सबसे कमजोर वर्गों को निशाना बनाया गया और सामाजिक रूप से प्रतिगामी नीतियां लागू की गईं। उन्होंने कहा कि आपातकाल लगाने वालों को हमारे संविधान के प्रति अपने प्रेम को दर्शाने का कोई अधिकार नहीं है। यही लोग हैं जिन्होंने अनुच्छेद 356 थोपा, प्रेस की स्वतंत्रता खत्म करने वाला विधेयक पारित किया, संघवाद को नष्ट किया और संविधान के हर पहलू का उल्लंघन किया।
कांग्रेस की मानसिकता पर सवाल
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जिस मानसिकता के कारण आपातकाल लगाया गया था, वह आज भी कांग्रेस में मौजूद है। वे संविधान के प्रति अपने तिरस्कार को छिपाते हैं लेकिन भारत की जनता उनकी हरकतों को समझ चुकी है। यही वजह है कि जनता ने उन्हें बार-बार नकार दिया है।
आपातकाल की भयावह रात
25 जून 1975 की रात भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक डरावनी रात बन गई जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Former PM Indira Gandhi) ने आधी रात को देश में आपातकाल की घोषणा की। अगली सुबह विपक्ष के कई बड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया गया, जिसमें कांग्रेस के विद्रोही नेता चंद्रशेखर भी शामिल थे। देश में 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक की 21 महीने की अवधि के लिए आपातकाल लागू था। तत्कालीन राष्ट्रपति फखरुद्दीन अली अहमद ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व वाली सरकार की सिफारिश पर भारतीय संविधान के अनुच्छेद 352 के तहत देश में आपातकाल की घोषणा की थी
21 महीने की त्रासदी
आपातकाल 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक 21 महीने तक चला, जिसके दौरान जनता को भारी त्रासदी झेलनी पड़ी। अंततः 23 मार्च 1977 को जनता पार्टी की सरकार बनी और आपातकाल समाप्त हुआ। नई पीढ़ी को इस भयावह दौर के बारे में उतना ही पता है, जितना उसने किताबों में पढ़ा या सुना है, लेकिन उस दौर के लोग इसे आज तक नहीं भूल पाए हैं।