PM Modi in Assam: पीएम मोदी दो दिन के असम दौरे पर है. सीएम हेमंत बिस्वा और राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने एयरपोर्ट पर पीएम मोदी स्वागत किया. आज पीएम मोदी 11,000 करोड़ रुपये लागत की परियोजनाओं की शुरुआत की. खानापारा स्थित वेटेरनी कॉलेज फील्ड में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पीएम मोदी के स्वागत में एक लाख मिट्टी के दिए जलाए.
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किन परियोजनाओं की शुरुआत की
आपको बता दे कि पीएम मोदी आज जिन परियोजनाओं की शुरुआत की, उनमें उनमें मां कामाख्या दिव्य परियोजना (मां कामाख्या एक्सेस कॉरिडोर) शामिल है. इसी के साथ पीएम ने असम के खानापारा स्थित वेटरनरी कॉलेज खेल मैदान में एक रैली को भी संबोधित किया. पीएम ने इस दौरान कहा कि कोई भी देश अपने अतीत को मिटाकर, भुलाकर, कभी विकसित नहीं हो सकता.
‘विकास का अभियान भी तेजी से चल रहा’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “…असम में आस्था, अध्यात्म और इतिहास से जुड़े सभी स्थानों को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है। विरासत को संजोने के इस अभियान के साथ ही विकास का अभियान भी तेजी से चल रहा है। बीते 10 वर्षों को देखें तो हमने देश में रिकॉर्ड संख्या में कॉलेज, युनिवर्सिटी बनाए हैं…”
’10 वर्षों में अब भारत में स्थितियां बदल गई’
इसी कड़ी में आगे उन्होंने कहा कि मुझे संतोष है कि हमारी सरकार आने के बाद बीते 10 वर्षों में अब भारत में स्थितियां बदल गई हैं. भाजपा की डबल इंजन सरकार ने ‘विकास और विरासत’ को अपनी नीति का हिस्सा बनाया है. PM मोदी ने कहा, “इस बजट में एक बहुत बड़ी योजना की घोषणा हुई है. अब हम बिजली का बिल जीरो करने के लिए आगे बढ़ रहे हैं. बजट में सरकार ने रूफटॉप सोलर की योजना का ऐलान किया है. इस योजना के तहत शुरुआत में सरकार 1 करोड़ परिवारों को रूफटॉप सोलर लगाने में मदद करेगी. इससे उनका बिल भी जीरो होगा, साथ ही सामान्य परिवार अपने घर पर बिजली पैदा कर उसे बेचकर कमाई भी करेगा.”
विपक्षी दलों पर साधा निशाना
PM मोदी ने कहा, “हमारे तीर्थ, हमारे मंदिर, हमारे आस्था के स्थान सिर्फ दर्शन करने के स्थल नहीं है, ये हज़ारों वर्षों की हमारी सभ्यता की यात्रा की निशानियां हैं… दुर्भाग्य से आजादी के बाद जिन्होंने लंबे समय तक देश में सरकारें चलाई वे भी आस्था के इन पवित्र स्थानों का महत्व समझ नहीं पाए। उन्होंने राजनीतिक लाभ के लिए अपनी ही संस्कृति, अतीत पर शर्मिंदा होने का एक ट्रेंड बना दिया था। कोई भी देश अपने अतीत को ऐसे भूलकर, अपनी जड़ो को काटकर विकसित नहीं हो सकता।”
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